फिल्ममेकर, प्रोड्यूसर और एक्टर गुरु दत्त (Guru Dutt) अपने बेहतरीन फ़िल्मी करियर के लिए जाने जाते थे. उन्होंने हिंदी सिनेमा को 'प्यासा', 'साहिब, बीवी और गुलाम', 'चौदहवीं का चांद' जैसी फ़िल्में दीं लेकिन 39 साल की उम्र में अपनी रहस्यमयी मौत से वह पूरे बॉलीवुड को हिला गए. गुरु दत्त ने जानी मानी सिंग गीता दत्त से शादी की थी. दोनों की मुलाकात फिल्म 'बाज़ी' के सेट्स पर हुई थी. दोनों ने तकरीबन तीन साल की डेटिंग के बाद एक-दूसरे से शादी कर ली थी.हालांकि ये शादी भी आसान नहीं थी क्योंकि दोनों के परिवार इस शादी को राज़ी नहीं थी. शादी के बाद दोनों तीन बच्चों के पेरेंट्स बने.
काफी सालों तक सब ठीक रहा लेकिन गुरु दत्त काम को लेकर जुनूनी थे और इस वजह से वह परिवार के साथ बहुत ही कम टाइम बिताते थे. धीरे-धीरे गुरु दत्त का इंटरेस्ट फैमिली लाइफ में कम हो गया और वह एक्ट्रेस वहीदा रहमान को दिल दे बैठे. गुरु दत्त अपनी फिल्मों में केवल वहीदा रहमान को ही लेना चाहते थे और यहां तक कि फिल्म कागज़ के फूल उन्होंने केवल वहीदा को अपना प्यार दर्शाने के लिए ही बनाई थी. इससे उनकी गीता दत्त के साथ शादीशुदा ज़िंदगी में दरार आ गई. गीता अपने बच्चों के साथ अपनी मां के घर चली गईं और गुरु दत्त को अकेला छोड़ दिया.
गुरु दत्त ने गीता से लौटने के लिए बहुत गुहार लगायी क्योंकि वो अपने बच्चों से मिलना चाहते थे लेकिन गीता नहीं मानीं. इसी दौरान गम में डूबे गुरु दत्त शराब में डूबे रहने लगे. उन्होंने दो बा आत्महत्या की भी कोशिश की.इसी वजह से वहीदा ने भी उनकी इन आदतों के चलते दूरी बना ली. परिवार के टूटने और वहीदा से दूरी ने गुरु दत्त को डिप्रेशन में पहुंचा दिया और एक दोपहर वह अपने कमरे में मृत मिले. कहा गया कि गुरु दत्त ने सुसाइड किया लेकिन इस बात की कभी पुष्टि नहीं हो सकी कि आखिर उनकी मौत कैसे हुई.