दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके-चपके... बॉलीवुड के दो कलाकार जिनकी प्रेम कहानी के किस्से आज भी सुनाई देते हैं. बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल यानि हेमा मालिनी और यमला पगला दीवाना धर्मेन्द्र की शादी का किस्सा आज भी काफी मशहूर है. हेमा मालिनी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी. हेमा ने बॉलीवुड में एंट्री फिल्म ‘सपनों के सौदागर’ से की थी. हेमा मालिनी के करियर में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब उन्होंने रमेश सिप्पी की फिल्म ‘सीता और गीता’ साइन की और ये फिल्म उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई.





फिल्म ‘सीता और गीता’ के सेट पर धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी एक दूसरे के नज़दीक आए और दोनों का प्यार परवान चढ़ा हुआ था. ये ही नहीं, फिल्मों के साथ धर्मेन्द्र और हेमा का रिश्ता भी मज़बूत होता चला गया. हेमा मालिनी और धर्मेन्द्र की नजदीकियां हेमा के पिता को रास नहीं आई और इस रिश्ते को तोड़ने के लिए हेमा का परिवार उन पर बेहद दबाव डाल रहा था. वहीं बात हेमा मालिनी और जीतेन्द्र की शादी तक पहुंच चुकी थी. हेमा के घर में धर्मेन्द्र का फोन आया जिन्हे चेन्नई में हेमा और जीतेन्द्र के परिवार की इस मुलाकात की खबर लग चुकी थी.





साल 1978 में हेमा मालिनी के जीवन में ऐसा मोड़ आया जिसे वो संभाल न सकीं. इसी साल हेमा के पिता की अचानक मौत हो गई और ऐसे वक्त में धर्मेन्द्र ने उनकी हिम्मत बढ़ाई उनका साथ दिया. बस फिर क्या था हेमा ने धर्मेन्द्र से शादी करने का फैसला कर लिया. आपको बता दें, धर्मेन्द्र पहले से ही शादी शुदा थे और दूसरी शादी करने के लिए उन्होंने 21 अगस्त 1979 को इस्लाम धर्म कबूल किया था. जिसके बाद दोनों ने अपने नाम बदल कर निकाह किया था. निकाहनामे में धर्मेन्द्र का नाम था दिलावर खान और हेमा का नाम था आयशा बी था.