बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर उन अभिनेताओं में शुमार किए जाते हैं, जिन्होंने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाई और लंबे समय तक फिल्म इंडस्ट्री में टिकने में कामयाब हुए. अनिल कपूर को 41 साल इंडस्ट्री में हो चुके हैं लेकिन आज भी अपने टैलेंट के बल पर वह अपना लोहा मनवा रहे हैं.



यूं तो अनिल कपूर ने 1979 में 'हमारे तुम्हारे' से डेब्यू किया था, लेकिन उन्हें थोड़ी-बहुत पहचान 1983 में आई 'वो सात दिन' के जरिए मिली. अनिल कपूर के लिए 1984 में आई 'मशाल' करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई, लेकिन इसके पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित इस फिल्म के लिए अनिल कपूर पहली पसंद कभी नहीं थे. फिल्म में जिस किरदार राजा को अनिल कपूर ने निभाया है, उसके लिए यश चोपड़ा ने पहले सनी देओल को अप्रोच किया था, लेकिन उन्होंने इसे करने से इनकार कर दिया.



दरअसल, धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि इतनी जल्दी उनका बेटा दिलीप कुमार के साथ किसी फिल्म में काम करे क्योंकि सनी नए थे. इसके बाद इस रोल के लिए यश चोपड़ा कमल हासन के पास गए, लेकिन डेट्स ना होने के चलते उन्होंने भी फिल्म करने से मना कर दिया. यश जी फिल्म बनाने में और देरी नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अनिल कपूर को साइन कर लिया.



एक इंटरव्यू में अनिल ने कहा था, ''मैं फिल्म के लिए तीसरी चॉइस था, लेकिन यह मेरी पहली बड़ी फिल्म थी. मुझे दिलीप कुमार के साथ काम करना था. मुझे और क्या चाहिए था. ये एक ऐसा दौर था जब स्टार किड्स आए दिन लॉन्च हो रहे थे. मुझे लग रहा था शायद मैं यहां कभी जगह नहीं बना पाऊंगा. मैं तमिल-तेलुगू और कई फिल्मों में छोटे मोटे रोल कर रहा था, लेकिन यश जी की 'मशाल' से किस्मत ने पलटी मारी और फ़िल्मी करियर चल निकला.''

इसी फिल्म की सक्सेस के बाद अनिल ने अपनी गर्लफ्रेंड सुनीता को शादी के लिए प्रपोज कर दिया था. फिल्म में अपने किरदार राजा के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड भी मिला था.