इन दो महान हस्तियों के कहने पर सारंगी वादक उस्ताद सुल्तान खान बने थे गायक, जानिए पूरी कहानी
मशहूर सारंगी वादक उस्ताद सुल्तान खान ने कभी सोचा भी नहीं था कि वे फिल्मों या अलबम में गाने गाएंगे,लेकिन संगीत की दो महान हस्तियों ने उनकी इस प्रतिभा को पहचान लिया. इसके बाद सुल्तान खान ने गायकी में भी झंड़े गाढ़ दिए.
नई दिल्ली: फिल्म हम दिन चुके सनम का अलबेला सजन आयो रे गाना जिन लोगों ने सुना है वे उस्ताद सुल्तान खान को जानते होंगे. उस्ताद सुल्तान खान विश्व प्रसिद्ध सारंगी वादक हैं. भारतीय वाद्य यंत्र सारंगी को विश्व भर में लोकप्रिय बनाने वाले सुल्तान खान की पुरकशिश आवाज के लाखों लोग आज भी दीवाने हैं. दमदार आवाज के मालिक सुल्तान खान एक गायक के तौर पर मायानगरी में नहीं आए थे. वे तो फिल्मों में सारंगी बजाने आए थे,लेकिन दो बड़ी हस्तियों के कहने पर वे प्लेबैक सिंगिंग के क्षेत्र में आ गए. कौन थीं वो दिग्गज हस्तियां जिनके कहने पर उन्होंने गायकी शुरू. आइए बताते हैं-
उस्ताद सुल्तान खान का पहला और आखिरी प्यार सारंगी बजाना था. राजस्थान के सीकर में जन्में सुल्तान का ताल्लुक जोधपुर घराने से था. भारत में सारंगी को नई पहचान दिलाने में उनका बहुत बड़ा योगदान है. देश और दुनिया के हर बड़े कलाकार के साथ उन्होने फारफॉर्म किया. पंडित रवि शंकर,तबला वादक जाकिर हुसैन,उस्ताद आमिर खान जैसे कलाकारों के साथ संगत की और अपनी कला का प्रदर्शन कर लोगों को अपना दीवाना बनाया.
उनकी सारंगी का जादू विदेशों में भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता था. मशहूर पॉप गायिका मडोना ने भी उनकी इस प्रतिभा से प्रभावित थीं, जिसके चलते सुल्तान खान को स्टेज शो में सारंगी बजाने के लिए कहा. यही नहीं हॉलीवुड के मशहूर निर्माता रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी में भी उन्होने सारंगी बजाई. उमराव जान फिल्म का 'जिंदगी जब तेरी बज्म में लाती है मुझे' गाने को अपनी सारंगी की धुन से ऐसा सवांरा कि यह गीत अमर हो गया.
सारंगी को दिलरूबा और रावणहत्था भी कहा जाता है. कहते हैं कि इस वाद्य यंत्र को रावण बजाया करता था. इस वाद्य यंत्र को सौ रंग भी कहा जाता है जिसका मतलब सौ रंग बिखेरना वाला वाद्य यंत्र. सुल्तान खान इस यंत्र के माहिर थे. एक बार एक शो के बाद स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने उनसे कहा कि आपकी जरूरत मुंबई में है यहां आप क्या कर रहे हैं,उनके आग्रह पर वे मुंबई आ गए.
लता मंगेशकर को उनकी आवाज पसंद थी,लेकिन विश्व प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन ने गाने के लिए बहुत जोर दिया. जिसके बाद उन्होने गाना शुरू किया. इस तरह से उनके गाने की शुरूआत हुई. संगीत की गहरी समझ रखने वाले सुल्तान खान ने हम दिल चुके सनम में अलबेला सजन आयो रे गायिका कविता कृष्णमूर्ति के साथ गाया जो जबरदस्त हिट रहा. इसके बाद उन्होने कई फिल्मों में गाने गाए जो हिट रहे. सारंगी को लेकर उन्होने कई प्रयोग किया युवा पीढ़ी में सारंगी को लोकप्रिय बनाया.