मुंबई के कार्टर रोड पर सुपरस्टार राजेश खन्ना का बंगला ‘आशीर्वाद’ हुआ करता था. बताते हैं कि इस बंगले को एक समय पर भुतहा बंगला कहा जाता था. सुपर स्टार राजेश खन्ना कैसे इस बंगले के मालिक बने और इस बंगले में आने के बाद उनके अनुभव क्या रहे ? आइए सबकुछ जानते हैं एक सिलसिलेवार ढंग से…


यह कहानी शुरू होती है सन 1960 के दशक से, उस समय मुंबई के कार्टर रोड पर बेहद कम बंगले हुआ करते थे. उस दौर में नौशाद साहब ने यहां एक बंगला लिया था जिसका नाम था ‘आशियाना’. नौशाद साहब के बंगले के ठीक पास ही एक दो मंजिला बंगला था जिसे लोग भूतबंगला कहते थे.



उस समय इंडस्ट्री में राजेंद्र कुमार का बड़ा नाम था और वह अपने लिए एक बंगले की तलाश में थे. कहते हैं कि राजेंद्र कुमार के एक दोस्त ने उन्हें इस बंगले के बारे में बताया. राजेंद्र को यह बंगला पसंद आया लेकिन उनके पास इसे खरीदने लायक पैसे नहीं थे. ऐसे में राजेंद्र ने अपने समय के मशहूर फिल्ममेकर बीआर चोपड़ा से संपर्क किया और उनकी फिल्म ‘कानून’ सहित दो अन्य फ़िल्में करने के लिए हामी भर दी. राजेंद्र कुमार की सिर्फ एक शर्त थी कि चोपड़ा साहब उन्हें पैसा एडवांस में दे दें और हुआ भी यही.


कहते हैं कि राजेंद्र कुमार ने इस बंगले को 60 हज़ार में खरीदा और इसका नाम रखा ‘डिंपल’. इस बंगले में शिफ्ट होते ही मानो राजेंद्र कुमार की किस्मत चमक गई और वह रातों रात सुपरस्टार बन गए. उनकी की हुईं फ़िल्में हफ़्तों चलतीं थीं जिसके चलते उनका नाम जुबली कुमार पड़ गया था. राजेंद्र कुमार काफी फेमस हो गए थे और उन्होंने मुंबई के ही पाली हिल्स में एक और बंगला बनाया जिसका नाम भी उन्होंने डिंपल ही रखा था.



इस समय तक इंडस्ट्री में राजेश खन्ना की एंट्री हो चुकी थी और वह इंडस्ट्री के अगले सुपरस्टार होने की कगार पर थे. राजेश खन्ना को पता चला कि राजेंद्र कुमार अपना कार्टर रोड वाला बंगला बेचना चाहते हैं और सही ग्राहक की तलाश में हैं. राजेश खन्ना ने यह सुन रखा था कि इस बंगले में आते ही राजेंद्र कुमार की किस्मत चमक उठी थी और वह खुद चमत्कार में विश्वास करते थे. ऐसे में राजेश खन्ना ने सोचा कि यदि वह भी इस घर को खरीद लेते हैं तो उनकी किस्मत भी ज़ोर पकड़ लेगी.


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, काफी मान मुन्नवल के बाद राजेश खन्ना को यह बंगला राजेंद्र कुमार ने 3.5 लाख में बेच दिया था. इस बंगले को नया नाम मिला ‘आशीर्वाद’ और इसके बाद सच में जैसे चमत्कार ही हो गया था. इस बंगले में आने के बाद राजेश खन्ना ना सिर्फ भारत के पहले सुपरस्टार बन गए बल्कि उनकी पॉपुलैरिटी कुछ इस कदर हो गई थी कि लोग कहने कहने लगे थे ‘ऊपर आका नीचे काका’. राजेश खन्ना ने इस घर से ऐसी सक्सेस देखी थी जो आज तक कोई सुपरस्टार नहीं देख पाया है.



हालांकि, समय ने एक बार फिर पलटी मारी और इंडस्ट्री में एक ऐसे सितारे का उदय हुआ जिसकी शुरूआती 8 फ़िल्में बैक टू बैक फ्लॉप थीं. जी हां, हम अमिताभ बच्चन की बात कर रहे हैं जिन्होंने फिल्म ‘जंजीर’ से अपना ऐसा रूतबा जमाया कि धीरे-धीरे काका की ज़मीन सरकती चली गई. इसके बाद के दौर में अमिताभ जहां नए सुपरस्टार थे, वहीं काका की फ़िल्में फ्लॉप होती जा रहीं थीं.


एक समय ऐसा भी आया जब राजेश खन्ना जिनके घर के बाहर चाहने वालों और घर में डायरेक्टर्स की लाइन लगा करती थी, पूरी तरह अकेले पड़ चुके थे. यह सब भी आशीर्वाद में रहते हुए ही हुआ और कहते हैं कि यहीं से राजेश खन्ना को ऐसी बीमारी लगी कि वह फिर कभी ठीक नहीं हो सके और इसी घर से उनकी अर्थी उठी थी.


आपको बता दें कि राजेश खाना का यह बंगला अब बिक चुका है और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसे तोड़ने के बाद यहां बिल्डर द्वारा कोई अन्य प्रोजेक्ट बनाया जाएगा.