बात राजश्री प्रोडक्शन की, जिनकी बनाई फ़िल्में स्टार्स को जन्म देती हैं. जी हां, सन 1947 में बने राजश्री प्रोडक्शन के बारे में यह बात सिर्फ ऐसे ही नहीं कही जाती है. मिसाल के तौर पर बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान को ही लें, राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म ‘मैने प्यार किया’ ने सलमान खान को रातों रात बॉलीवुड का सुपरस्टार बना दिया था.



1989 में आई ‘मैने प्यार किया’ ने बॉलीवुड में उस साल धमाल मचा दिया था. 5वें फिल्मफेयर अवॉर्ड में इस फिल्म ने 6 अवॉर्ड जीते थे जिनमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ संगीतकार, सर्वश्रेष्ठ गीतकार, सर्वश्रेष्ठ गायक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (डेब्यू) और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (डेब्यू) के रिकार्ड्स शामिल थे.


इस फिल्म के बनने के पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है. जिसके लिए हमें वापस से एक बार 1947 में चलना होगा. यह वह साल था जब ताराचंद बड़जात्या ने राजश्री प्रोडक्शन की नींव रखी थी. हालांकि, सही मायनों में इस प्रोडक्शन हाउस को पहचान मिली थी फिल्म ‘दोस्ती’ से जो कि सन 1964 में रिलीज हुई थी और साल की बड़ी हिट फिल्म थी.



70 और 80 के दशक तक राजश्री प्रोडक्शन एक बड़ा नाम बन चुका था और इसने कई फेमस फ़िल्में जैसे उपहार, गीत गाता चल, चित्तचोर, सावन को आने दो, अंखियों के झरोखे से, नदिया के पार और सारांश जैसी फिल्में बनाई थीं. अब तक ताराचंद बड़जात्या और उनके बेटे राजकुमार बड़जात्या इस प्रोडक्शन हाउस की कमान संभाले हुए थे.


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 80 के दशक के आखिर में राजश्री प्रोडक्शन के हालात कुछ ठीक नहीं थे और इसे बंद करने तक की बात चल रही थी. ठीक इसी समय राजकुमार बड़जात्या अपने 24 साल के बेटे सूरज बड़जात्या को आगे लाए और उनकी कमान में बनी फिल्म ‘मैने प्यार किया’ ने सफलता के झंडे गाड़ दिए.



इसके बाद सूरज बड़जात्या ने फ़िल्मी दुनिया में पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता उनके कदम चूमती चली गई. इतनी कम उम्र में उन्होंने वो कामयाबी हासिल की जिससे राजश्री प्रोडक्शन के दिल पलट गए और इतने सालों बाद भी यह प्रोडक्शन हाउस अपनी साख इंडस्ट्री में बेहतरीन ढंग से बनाए हुआ है.