कोरियोग्राफर धर्मेश येलांदे (Dharmesh Yelande) को आज ना सिर्फ उनके बेहतरीन डांसिंग स्किल्स बल्कि एक्टिंग के लिए भी पहचाना जाता है. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यहां तक पहुंचने के लिए धर्मेश को अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ी थी. जी हां, धर्मेश येलांदे एक लोअर मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं. ख़बरों की मानें तो धर्मेश के पिता चाय का स्टाल लगाते हैं और संघर्ष के दिनों में धर्मेश ने प्यून तक का काम किया है.
एक इंटरव्यू में खुद धर्मेश ने इस बारे में बताया था और साथ ही कहा था कि उन्हें बचपन से ही डांसिंग का शौक था. धर्मेश बचपन में गोविंदा के डांस को टीवी पर देखकर हूबहू वैसा ही डांस करने की कोशिश करते थे, घर में जगह नहीं होती थी तो घर से बाहर सड़क पर जाकर डांस करते थे.धर्मेश के अनुसार, उनकी लाइफ का सबसे बुरा दौर तब आया था जब म्युनिस्पलिटी वालों ने उनके पिता की दुकान गिरा दी थी.
धर्मेश कहते हैं कि इतना सबकुछ हो जाने के बावजूद उनके पिता ने हार नहीं मानी और चाय का स्टाल लगाया, जिससे दिन की 50-60 रुपए की कमाई होती थी. आपको बता दें कि घर की खराब माली हालत को देखते हुए धर्मेश ने प्यून तक का काम किया है. इसी दौरान धर्मेश बच्चों को डांस भी सिखाते थे जिससे उन्हें 1500 रुपए महीने की कमाई होती थी. आपको बता दें कि धर्मेश की किस्मत डांस रियलिटी शो बूगी-वूगी और डांस इंडिया डांस के बाद चमकी थी. डांस इंडिया डांस भले ही धर्मेश जीते नहीं थे लेकिन उनकी परफॉरमेंस ने उन्हें काफी पॉपुलैरिटी दिलवा दी थी.
धर्मेश की किस्मत तब खुली जब रेमो डिसूजा ने अपनी फिल्म 'एबीसीडी-एनिबडी कैन डांस' में उन्हें काम करने का मौक़ा दिया. धर्मेश इसके बाद इसी साल रिलीज हुई फिल्म ‘स्ट्रीट डांसर 3 डी’ में भी नज़र आए थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो धर्मेश येलांदे 'सफलता 0 किलोमीटर' से गुजराती फिल्मों में डेब्यू करने वाले हैं.
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