बात आज फिल्म इंडस्ट्री के महानतम कॉमेडियंस में से एक कादर खान(Kader Khan) साहब की, जो आए तो अफगानिस्तान से थे लेकिन उन्होंने यहां भारत के लोगों के दिलों पर राज किया था. ख़बरों की मानें तो कादर खान साहब का बचपन बेहद तंगहाली में बीता था, कहते हैं बचपन में उन्हें पेट भरने के लिए भीख तक मांगनी पड़ती थी. हालांकि, कादर खान की मां ने उन्हें अनगिनत संघर्षो के बाद भी पढ़ाया लिखाया था जिसके चलते वो अपने पैरों पर खड़े हो सके थे.
आपको बता दें कि फिल्मों में आने से पहले कादर खान साहब प्रोफ़ेसर हुआ करते थे. कादर खान ने लगभग 250 से ज्यादा फिल्मों के लिए डायलॉग्स लिखे थे, वहीं खुद 300 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया था. साल 1973 में आई राजेश खन्ना की फिल्म ‘दाग’ में कादर खान सबसे पहले नज़र आए थे. ऐसा कहा जाता है कि कादर खान को फिल्मों में राजेश खन्ना लेकर आए थे हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह काम दिलीप कुमार ने किया था.
दरअसल, कादर खान अपने लिखे नाटक ‘ताश के पत्ते’ में एक्टिंग कर रहे थे. कहते हैं कि यहीं दिलीप साहब की नज़र उनपर पड़ गई और वो उन्हें फिल्मों में ले आए. ख़बरों की मानें तो कादर खान को पहली स्क्रिप्ट लिखने के लिए 1500 रुपए मिले थे. यह फिल्म थी ‘जवानी दीवानी’, कदर खान के साथ इस फिल्म में इंदर राज आनंद भी स्क्रिप्ट राइटर थे, यह फिल्म अपने दौर की सुपरहिट फिल्मों में से एक थी. कादर खान द्वारा की गई कुछ सुपरहिट फिल्मों में कुली नंबर 1, दुल्हे राजा, राजा बाबू, हीरो नंबर 1, जैसे करनी वैसी भरनी, सूर्यवंशी आदि शामिल हैं. आपको बता दें कि कादर खान साल 31 दिसंबर 2018 को इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कहकर चले गए थे.
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