Jeetendra refuses to work with Mumtaz: 70 और 80 के दशक में फिल्मी जगत में कुछ ही सितारों का बोलबाला था. उन्हीं नामी सितारों में से एक नाम जितेंद्र (Jeetendra) का भी था. बेशक जितनेंद्र का स्वभाव काफी नम्र रहा है, लेकिन उनके मुंह से निकली हर बात पत्थर की लकीर होती थी. लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया कि गलत ज़िद पर अड़े जितेंद्र की बात को अनसुना कर दिया गया और जिसके चलते उनकी बात को अनसुना किया गया था. वो थीं बॉलीवुड की जानी मानी अदाकाराओं में से एक मुमताज (Mumtaz). क्या थी जितेंद्र की वो ज़िद जिसके चलते फिल्मिस्तान को हो सकता था भारी नुकसान. इस रिपोर्ट में पढ़िए पूरा किस्सा.
फिल्म फर्ज़ (Farz) से रातों रात स्टार बने जितेंद्र के पास फिल्मों की लाइन लगी रहती थी. हर डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्म का हिस्सा बनाना चाहता था. फिल्म 'बूंद जो बन गए मोती' के डायरेक्टर वी शांताराम की फिल्म के लिए जितेंद्र को साइन किया गया था. इस फिल्म में जितेंद्र के अपोजिट वी शांताराम (V. Shantaram) की बेटी राजश्री को कास्ट किया गया था और इस फिल्म में साइड एक्ट्रेस के रोल में मुमताज को चुना गया था. लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था. यही वो फिल्म थी जिसके बाद मुमताज की किस्मत चमकी और वो बॉलीवुड के नामचीन चेहरों में शामिल हो गईं.
दरअसल हुआ यूं था की बेशक इस फिल्म में राजश्री (Raj shree) को कास्ट किया गया था, लेकिन किसी वजह के चलते राजश्री इस फिल्म को नहीं कर सकीं. इसी बीच इस लीड एक्ट्रेस की खाली कुर्सी को भरने के लिए वी शांताराम ने मुमताज को चुन लिया. लेकिन जैसे ही इस बात की भनक फिल्म के लीड एक्टर जितेंद्र के कानों तक गई. तो उन्होंने इस फिल्म को करने से साफ इंकार कर दिया और इसके पीछे की वजह थी मुमताज. एक सपोर्टिंग एक्ट्रेस के साथ काम करना जितेंद्र को गवारा नहीं था.
बड़ी मशक्कत के बाद वी शांताराम ने जितेंद्र को इस फिल्म को करने के लिए मना लिया. ये फिल्म जैसे ही थिएटर पर आई सुपरहिट साबित हो गई. फिल्मी दुनिया को एक नई जोड़ी मिल चुकी थी. इस फिल्म के हिट होने के बाद जितेंद्र और मुमताज को 15 फिल्मों में एक साथ देखा गया. इनकी जोड़ी को बड़े पर्दे पर खूब प्यार मिला.