दिवंगत बॉलीवुड अभिनेत्री जिया खान की मां राबिया खान ने कहा है कि वह मानती हैं कि उनकी बेटी, सुशांत सिंह राजपूत और उनकी पूर्व प्रबंधक दिशा सालियन सीरियल किलिंग का शिकार हुए हैं. राबिया ने यह भी कहा कि बॉलीवुड और राजनीति के लोग जून में हुई इन दोनों मौतों में शामिल रहे हैं. 80 के दशक में कुछ बॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुकीं राबिया ने कहा कि जिया, दिशा और सुशांत के मामले में इतनी समानता है कि इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन तीनों का 'मर्डर' हुआ है और इसे एक ही सिंडिकेट ने अंजाम दिया है.


जिया नफीसा खान ने कथित तौर पर 25 साल की उम्र में तीन जून 2013 को अपने जुहू स्थित फ्लैट में आत्महत्या कर ली थी. राबिया ने लंदन से टेलिफोन पर आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा, "मुझे लग रहा है कि जिस किसी ने भी जिया को मारा था, उसने सुशांत को मारने के लिए रिया चक्रवर्ती का इस्तेमाल किया है."


भारतीय अमेरिकी व्यवसायी अली रिजवी खान से शादी करने वाली राबिया ने कहा, "भइया, जिसने जिया खान को मारा है, उसी ने सुशांत को मारा है. मेरी बच्ची को भी उसके ब्वायफ्रेंड ने पैसे के लिए इस्तेमाल किया. वो उसको कंट्रोल कर रहा था. रिया चक्रवर्ती भी यही कर रही थी. आखिर इतना पैसा उसके पास आया कहां से. अगर सुशांत से आया है, तो माना कि चलो वह फिल्मो में काम कर रहा था, वो इंडोर्समेंट्स कर रहा था. वो कमर्शियल्स कर रहा था, तो वहां से पैसा आ गया. और अगर सुशांत से पैसा नहीं आया तो फिर कहां से आया. क्या वह ड्रग ट्रैफिकिंग कर रही थी. क्या वो नारकोटिक्स से खेल रही थी. क्या उसकी ड्रग पैडलर्स के साथ दोस्ती थी."


बताते चलें कि राबिया , अरेस्टेड (1985), कर्मयुद्ध (1985) और लॉकेट (1986) जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं.


राबिया ने कहा, "रिया चक्रवर्ती इतनी शातिर नजर नहीं आती है, जितनी शातिर दिखाई जा रही हैं. मुझे लगता है कि जो कोई भी इस पूरे मामले का संचालन (पर्दे के पीछे से) कर रहा है, और जिया तथा सुशांत के मामले में जिस तरह की समानता है, तो इसी के आधार पर मैं कह सकती हूं कि यह एक सीरियल किलिंग है. जिसने जिया को मारा, उसी ने सुशांत को भी मारा है."


राबिया ने कहा, "उनकी बेटी बहादुर थी, इसलिए इंडस्ट्री में थी." राबिया के मुताबिक, " इतनी कम उम्र में अमिताभ बच्चन, आमिर खान और अक्षय कुमार के साथ कौन काम करता है. जो इंटेलैक्चुअली कम्यूनिकेशन करना जानते हों, वही कर सकते हैं. आलतू-फालतू और अनपढ़ तो नहीं कर सकते."


उन्होंने इशारा किया कि जिया ने 2007 में मेगास्टार अमिताभ बच्चन (निशब्द) और 2008 में गजनी फिल्म में आमिर खान के साथ अभिनय किया था. राबिया ने कहा, "वाकई हकीकत में सुशांत सिंह बेचारा और मेरी बेटी बेचारी. क्यों, क्योंकि ये बहुत सीधे लोग थे. क्योंकि ये सच्चे लोग थे. क्योंकि वे आध्यात्मिक लोग थे. इसीलिए वो फंस गए, बदमाशों के बीच. उनका दिमाग बदमाशों का नहीं था."


राबिया ने फिर इस बात पर जोर दिया कि उनकी बेटी जिया भी सरल और ईमानदार थी. उन्होंने कहा, "देखिए, कोई इंसान सच्चा है और अगर उससे कोई कहता है कि मैं तुमसे प्यार कर रहा हूं, उसे वह मान लेता है."


राबिया ने कहा, "सुशांत के साथ भी तो वही चीज हुई ना. सुशांत के भी बड़े-बड़े ख्वाब थे. मेरी बच्ची के भी बड़े-बड़े ख्वाब थे. सुशांत पढ़ा-लिखा था. मेरी बच्ची भी पढ़ी-लिखी थी. सुशांत को जानवरों से प्यार था. मेरी बच्ची को भी जानवरों से प्यार था. वो तो सड़क से बिल्लियां उठाकर ले आया करती थी घर में. पूरा चिड़ियाघर बना लिया था घर को. सुशांत को गिटार का शौक था, मेरी बच्ची को पियानो का शौक था. सुशांत को खगोल विज्ञान (एस्ट्रोनॉमी) का शौक था. मेरी बच्ची को भी इसका शौक था. उसके पास भी हबल टेलिस्कोप था. उसके पास तो कितनी इनसाइक्लोपीडिया पड़ी हुई हैं. सुशांत सोच समझकर फिल्मों में काम करता था, हमारी बच्ची भी यही करती थी. पैसे के पीछे सुशांत नहीं भागता था. हमारी बच्ची भी नहीं भागती थी. आप समानताएं देखिए ना. मुझे तो हैरत होती है कि यह पुलिस को नजर नहीं आ रहा है."


राबिया ने कहा, इतने साल मैं चुप रही. इतने वक्त मैं चुप थी. क्योंकि मैं अपनी लड़ाई लड़ रही हूं. आज जब सुशांत सिंह और दिशा, यह सब देख रही हूं तो मुझसे रहा नहीं गया. इसीलिए मैंने सब बता दिया, क्योंकि सुशांत के साथ भी 'अवसाद' की कहानी जोड़ी जा रही है. हू-ब-हू वही चीज देखने को मिली, जो मेरी बेटी के मामले में मिली थी. जब वही चीज फिर से देख रही हूं तो बोलना तो पड़ता है ना.


क्या सुशांत और दिशा की कथित हत्या में बॉलीवुड इंडस्ट्री और राजनीति के बड़े लोग शामिल हो सकते हैं, इस सवाल पर राबिया ने कहा, हो नहीं सकते हैं, बल्कि पूरी तरह हैं. इनकी जेबों में होते हैं सब. दिशा सालियान के मामले में भी इन्हीं की मिलीभगत है. दिशा एक पार्टी में थी, जहां झगड़ा शुरू हुआ था. सुशांत ने क्या बोला कि आप दिशा के साथ वो ना कीजिए, जो आपने जिया के साथ किया था. ये सारी बातें कहां से निकली हैं. बिना आग के तो धुआं नहीं उठेगा ना. इस धुएं के पीछे क्यों नहीं जा रहे. आज पूरा सिंडिकेट उसको बचाने के लिए खड़ा है, जिसने सुशांत और दिशा को मारा है. ये लोग क्या छुपाने का प्रयास कर रहे हैं. सुशांत की मौत का मामला सुलझने के साथ कौन से लोग बेनकाब होंगे और किनको बचाने के लिए इतना कुछ किया जा रहा है. किनको बचाने के लिए पूरी सेना मैदान कूद गई है. सारा का सारा जो आपने ब्रह्मांड बनाया (क्रिएट) हुआ है, वो सब एक रिया चक्रव्रती को बचाने के लिए एक हो गया है और रिया के पीछे कोई और है, जिसने यह पूरा खेल रचा है.


सुशांत मामले में मुंबई पुलिस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि " मुंबई पुलिस तो शुरू से तथ्य छिपाने पर आमादा रही है." राबिया ने कहा, मुंबई पुलिस की नीयत शुरू से ही कुछ छुपाने की थी. अगर पुलिस ने हत्या कह दी होती और इसी नजर से इसकी तहकीकात की होती तो फिर और बात थी, लेकिन पुलिस ने इससे बिल्कुल अलग किया.


उन्होंने कहा, "सुशांत की मौत को पहले आत्महत्या बोला गया और फिर निर्माता-निर्देशक जैसे लोगों को बुलाकर इसे 'अवसाद' की एक कहानी बना ली और उसी में धुआं डालकर लोगों को गुमराह कर दिया. इसी में दो महीने निकल गए. ये तो खेल-तमाशा है. ये एक रणनीति है, जिसे कहते हैं, 'हाउ टू गेट अवे विद मर्डर'.