Johnny Lever का चॉल में बेहद गरीबी में कटा था बचपन, तंगहाली से बचने के लिए कभी बेचते थे पेन
Johnny Lever Birthday: तंगहाली से परेशान जॉनी ने बचपन से ही स्कूल से आकर चॉल की बर्थडे पार्टी जैसे फंक्शन में छोटे-छोटे शो करना शुरू कर दिए थे.
Johnny Lever Life Facts: अपनी कॉमेडी से सभी को हंसा-हंसाकर लोट-पोट करने वाले जॉनी लिवर (Johnny Lever) का जन्म आज ही के दिन यानी 14 अगस्त 1957 को हुआ था. जॉनी की फैमिली काफी गरीब थी. जो मुंबई की एक चॉल में रहती थी, पिता शराब पीने के आदी थे, और शराब पीकर झगड़ा और मारपीट किया करते थे. एक दिन ऐसा आया कि उनकी फैमिली को मुंबई के स्लम एरिया में शिफ्ट होना पड़ा. तंगहाली से परेशान जॉनी ने बचपन से ही स्कूल से आकर चॉल की बर्थडे पार्टी जैसे फंक्शन में छोटे-छोटे शो करना शुरू कर दिए थे.
इससे उनकी एक-दो रुपए की कमाई हो जाया करती थी. जॉनी मोहल्ले में रहने वाले उत्पल दत्त और प्रताप जानी को अपना गुरु मानते थे. उनके बचपन का किन्नरों से कॉम्पटिशन का किस्सा भी काफी दिलचस्प है. एक दिन जॉनी एक फंक्शन में गए थे, वहां कुछ किन्नर भी आए थे. किन्नर अपने राग में पैसे मांगने लगे तब जॉनी ने उनसे तगड़ा कॉम्पटिशन किया, और काफी पैसे इकट्ठे कर लिए, उस वक्त किन्नरों को जॉनी इतने पसंद आए कि उन्होंने उनसे अपना ग्रुप ज्वाइन करने के लिए कह दिया पर जॉनी ने वो सारे पैसे किन्नरों को दिए और कहा, मैं तो चला. तंगहाली से परेशान जॉनी एक दिन काफी उदास बैठे थे तब उनके सिंधी दोस्त ने कहा कि मैं पेन बेचता हूं तुम भी बेचो इससे कुछ कमाई हो जाएगी. जॉनी ने पेन बेचना तो शुरू कर दिए पर अपने अंदाज में. वो मिमिक्री करते हुए पेन बेचा करते थे. इससे उनकी कमाई बाकी लोगों से तीगुनी होने लगी. फिर जब वो 18 साल के हुए तो उनके पिता ने हिंदुस्तान लिवर कंपनी में उनकी नौकरी लगवा दी.
यहां जॉनी का लेबर का काम था. पर साफ सफाई जैसे काम करने में उनका कुछ खास मन नहीं लगता सो वो कंपनी से छुट्टी ले लेकर शोज करने चले जाते. एक दिन उनकी इसी आदत से परेशान होकर उनके पिता बड़ा सा डंडा लेकर मारने के लिए उनके शो पर चले गए लेकिन जब उन्होंने जॉनी की कॉमेडी से 3 हजार लोगों से भरे हॉल को हंसते देखा तब वो दंग रह गए. ये पहली बार था जब उनके पिता ने उनका शो देखा था. इसी तरह एक दिन उनकी कंपनी में एक कार्यक्रम था इसमें जॉनी को स्टैंडअप कॉमेडी करने के लिए कहा गया.
वहां उन्होंने अपने अधिकारियों का नाम लिए बगैर उनकी खूब मिमिक्री की. कर्मचारियों का हंस-हंसकर बुरा हाल था. बस तभी वहां के यूनियन लीडर ने स्टेज पर चढ़कर कहा कि जिस आदमी ने लोगों को हंसा-हंसाकर सबकी ऐसी तेसी कर डाली आज से उसका नाम जॉनी लिवर होगा. बस यहीं से जॉनी रॉव बन गए जानी लिवर. फिर वो धीरे-धीरे वो फुल टाइम स्टैंडअप कॉमेडी करने लगे. इसी तरह फिल्मों में भी उनकी एंट्री हो गई. 1982 में उन्होंने पहली बार फिल्म दर्द का रिश्ता में काम किया था पर उन्हें पहचान मिली 1993 में आई फिल्म बाजीगर से. इस फिल्म में उनके भूलक्कड़ हाउस सर्वेंट के रोल ने लोगों को खूब हंसाया.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रोल के लिए न ही उनके डॉयलॉग लिखे गए थे ना ही स्क्रिप्ट में इसका जिक्र था. फिल्म में जितने भी सीन आपने देखे हैं वो शूटिंग के दौरान ही हुई जॉनी के दिमाग की उपज थी. इस फिल्म के बाद जॉनी को अधिकतर फिल्मों में लिया जाने लगा. और जो भी डायरेक्टर उन्हें लेता वो स्क्रिप्ट में उनके सीन लिखता नहीं था. हर फिल्म में जॉनी के सीन वो खुद क्रिएट किया करते थे, इसलिए वो एक दिन में 4 से 5 फिल्मों की शूटिंग भी कर लिया करते थे. उन्होंने अबतक लगभग 300 फिल्मों में काम किया है. बेटे जेसी की तबियत खराब होने के बाद वो काफी स्प्रिचुअल हो गए हैं और फिल्मों से थोड़ी दूरी बना ली. हालांकि वो 2021 में कुली नं वन और हंगामा 2 जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं.