1990-2000 के दशक में एक दौर था जब जूही चावला जैसी एक्ट्रेसेस का बोलबाला देखने को मिलता था. हर कोई उनकी पोपुलैरिटी की वजह से उन्हें अपनी फिल्मों में लेना चाहता था. यही वजह थी कि जूही को बेहद व्यस्तता के चलते कई फिल्मों के ऑफर ठुकराने पड़े थे. यह कुछ अच्छी फिल्में थीं, जिनमें काम करके अन्य एक्ट्रेसेस की किस्मत चमक गई थी. एक इंटरव्यू में जूही ने खुलासा किया था कि उन्हें 'राजा हिंदुस्तानी', 'दिल तो पागल है' और 'बीवी नंबर 1' जैसी फिल्में ठुकराने का अफसोस है लेकिन उन्हें इस बात की खुशी भी है कि उन्होंने दूसरी एक्ट्रेसेस को सुपरस्टार बना दिया.


आपको बता दें कि जूही की ठुकराई इन फिल्मों से सबसे ज्यादा फायदा करिश्मा कपूर को हुआ था, जिन्होंने इन तीनों ही फिल्मों में काम किया था. 'राजा हिंदुस्तानी' के लिए तो करिश्मा को तो फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड मिला था जबकि 'दिल तो पागल है' के लिए उन्होंने बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता था. बाद में जूही ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें ये फिल्में छोड़ने का अफसोस है. उस समय उन्हें लगा था कि अगर वो काम नहीं करेंगी तो इंडस्ट्री में काम नहीं होगा.




जूही बोलीं, 'मुझे कई बेहतरीन फिल्मों में काम करने के मौके मिले लेकिन मेरा ईगो आड़े आ गया. मुझे कुछ फिल्में करनी चाहिए थीं जो कि मैंने नहीं कीं. मुझे और ज्यादा मेहनत करनी चाहिए थी और मुझे कॉम्पिटिटिव होना चाहिए था. मैंने आसान राह चुनी और वही करती रही जो करती आई थी और उन्हीं लोगों के साथ काम किया जिनके साथ मैं कम्फर्टेबल थी, मैंने अपनी सीमाएं नहीं तोड़ी थीं.'


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