Karan Johar On South Movies : एस.एस राजामौली  (S. S. Rajamouli) की 'बाहुबली' (Baahubali) के के बाद बीते कुछ सालों में रिलीज़ हुईं पुष्पा, केजीएफ जैसी फिल्मों ने थिएटर्स को हिलाकर रख दिया है. बात चाहें कमाई की हो या रिव्यूज़ की, बीते कुछ वक्त में रिलीज़ हुई इन साउथ की फिल्मों ने दर्शकों के दिलों-दिमाग पर ऐसी छाप छोड़ी है कि उसके बाद साउथ और बॉलीवुड फिल्मों की क्वालिटी को लेकर बहस छिड़ गई है जो कि अबतक जारी है. 


साउथ और हिंदी फिल्मों को लेकर चल रही इस बहस पर अब तक कई सेलेब्स का बयान सामने आ चुका है. अब इस चर्चा पर फिल्म इंडस्ट्री के जानेमाने निर्देशक और प्रोड्यूसर करण जौहर ने भी प्रतिक्रिया दी है. करण का मानना है कि बॉलीवुड डायरेक्टर को अब वो करना चाहिए जिसमें वो माहिर हैं, ना कि भीड़ का हिस्सा बनना चाहिए. केजीएफ की सक्सेस पर करण ने खुशी ज़ाहिर की, लेकिन कहा कि अगर ऐसी फिल्में बॉलीवुड में बनतीं तो उनकी लिंचिंग हो जाती.


Film Companion को दिए इंटरव्यू में करण ने कहा, साउथ फिल्में बहुत शानदार कर रही हैं क्योंकि राजामौली, प्रशांत नील जैसे निर्देशक जानते हैं कि उन्हें क्या करना है वो किस में माहिर हैं. इसके अलावा उन्हें किसी चीज़ से फर्क नहीं पड़ता. बॉलीवुड निर्देशकों को भी अब थोड़ा सा पीछे जाना चाहिए और वैसी फिल्में बनानी चाहिए जिसमें वो माहिर हैं, ये मुझ पर भी लागू होता है. हम बेवफूकों की तरह सब कुछ करने की होड़ में लग जाते हैं. जब मैंने 'केजीएफ' के रिव्यू पड़े तो मैं सोच में पड़ गया. मैंने सोचा अगर हमने ये फिल्म बनाई होती तो हमारी लिंचिंग हो जाती. लेकिन अब यहां सब केजीएफ की सक्सेस को सेलिब्रेट कर रहे हैं. हालांकि मुझे वो बहुत पसंद आई, मुझे दिल से पसंद आई, लेकिन फिर भी मैंने सोचा अगर हम ये करते तो क्या होता?.




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