KBC 12 के सेट पर इस उम्र में भी घंटों तक शूटिंग करते हैं अमिताभ बच्चन, सेट से तस्वीर शेयर कर बोले- काम से ही बनती है पहचान
केबीसी 12 के सेट से अमिताभ बच्चन ने अपनी एक तस्वीर शेयर की है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि कर्म ही पूजा है और काम से आपकी पहचान बनती है. अमिताभ बच्चन के तस्वीर वाले इस ट्वीट को शेयर करते हुए, इसे प्रेरणादायी बताया है.
कौन बनेगा करोड़पति का 12वां सीजन को ऑनएयर हुए तीन हफ्ते हो चुके हैं. इस दौरान शो ने अपनी लोकप्रियता कायम रखी हुई है. कोरोना वायरस महामारी के चलते शूटिंग प्रक्रिया और गेम खेलने की प्रक्रिया में बदलाव हुआ है. इसकी वजह कई-कई घंटों तक शो की शूटिंग चल रही है. अमिताभ बच्चन भी कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद से काफी शो को लेकर काफी एक्साइटेड हैं और इसके लिए काफी मेहनत कर रहे हैं.
अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर केबीसी 12 की शूटिंग के दौरान के तस्वीर शेयर की है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए अमिताभ बच्चन बताया कि काम ही पूजा है और काम ही आपकी पहचाना बनाता है. उन्होंने लिखा,"कर्म ही पूजा है, त्यौहार तो मनते ही रहते हैं, लेकिन हर रोज काम करने की मंशा बनी रहनी चाहिए. कर्म ही गुरु है, कर्म ही मोक्ष है. आलस्य एक दीवार है, इससे ऊपर कूंदे और लक्ष्य को प्राप्त करें. हर दुविधा का सामना करें और इसे काम की गंभीरता का पाठ पढ़ाए."
यहां देखिए अमिताभ बच्चन का ट्वीट-अभिषेक बच्चन ने बताया प्रेरणादायकT 3693 - Work is worship .. festivities be celebrated .. but each day the intent of work keeps on .. work is the master .. work is the deliverance .. idleness is the wall .. jump over it and achieve .. face each resistance and show it the intent of your work .. pic.twitter.com/rtQvyroSTO
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) October 18, 2020
अमिताभ बच्चन के इस ट्वीट पर उनके फैंस कमेंट और लाइक कर रहे हैं. अमिताभ बच्चन के लिए कर्म ही पूजा है और उनकी इस भावना से उनके बेटे अभिषेक बच्चन बेहद प्रेरित हुए हैं. बिग बी के इस ट्वीट को अभिषेक ने भी रिट्वीट किया है. उन्होंने इससे प्रेरदायक पोस्ट बताया है. उन्होंने लिखा,"यह प्रेरणादयाक है."
त्यौहारों को लेकर जताई खुशी
वहीं, बिग बी ने अपने ब्लॉग में लिखा है, "और वे कहते हैं कि फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो गई है. नवरात्रि, दुगार्पूजा और जल्द ही आने वाली है दिवाली और इन सबके बीच हम में त्यौहारों के जश्न की सीमितता देखने को मिल रही है, लेकिन पूजा-अर्चना करने का उत्साह, अच्छाई की कामना करना और त्यौहार को मनाने के जश्न में कोई बदलाव नहीं है. यह बिल्कुल पहले जैसा ही है. इसकी उपस्थिति भक्तिमय है."
होती हैं यादें ताजा
वह आगे लिखते हैं, "इस तरह के क्षण अपने साथ कई आनंद की अनुभूति लेकर आते हैं. दोस्तों, रिश्तेदारों संग बिताए गए वक्त, रीति-रिवाज जैसी कई पुरानी यादें ताजा होती हैं. आसपास के वातावरण में पूर्णता का एहसास होता है, क्योंकि हवा में तापमान का प्रभाव कम दिखने लगता है और सूर्य देवता भी काफी बेहतरीन तरीके से अपनी शौर्यता का प्रदर्शन करना शुरू कर देते हैं."