Keshto Mukherjee Journey: कैस्टो मुखर्जी (Keshto Mukherjee) ने हिंदी फिल्मों में अपनी कॉमेडी से दर्शकों के दिलों में अपनी अलग छाप छोड़ी. कैस्टो मुखर्जी का 30 साल का लंबा करियर था जिसमें उन्होंने 90 से अधिक फिल्मों में काम किया. 7 अगस्त, 1925 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में जन्मे कैस्टो मुखर्जी ने साल 1950 के दशक में अभिनय की शुरुआत की थी. उन्होंने साल 1952 में ऋत्विक घटक की बंगाली फिल्म 'नागरिक' से अपना करियर शुरू किया.
कैस्टो मुखर्जी ने 'मुसाफिर', 'परख', 'आरती', 'असली नकली' और 'पड़ोसन' जैसी शानदार फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाए निभाई. उन्हें साल 1970 में असित सेन की फिल्म 'मां और ममता' में एक शराबी की भूमिका निभाकर खूब प्यार मिला. इसके बाद उन्होंने 'मेरे अपने', 'गुड्डी', 'परिचय', 'जंजीर', 'आप की कसम' जैसी फिल्मों में एक शराबी की भूमिका जारी रखी.
कैस्टो मुखर्जी ने अमिताभ बच्चन के साथ कई फिल्में की हैं, जिनमें 'जंजीर' में केश्तो ने गंगू का किरदार निभाया था. साल 1975 में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म 'चुपके चुपके' में धर्मेंद्र, शर्मिला टैगोर, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, ओम प्रकाश, असरानी, लिली चक्रवर्ती, उषा किरण और डेविड अब्राहम चेलुकर ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं लेकिन इसके बाद भी उनके द्वारा निभाए, ड्राइवर जेम्स डी'कोस्टा के किरदार को कोई नज़रअंदाज़ नहीं कर सका. कैस्टो मुखर्जी के दो बेटे थे- बड़ा बेटा बबलू मुखर्जी टेलीविजन उद्योग में एक प्रसिद्ध कॉमेडियन हैं. उनके छोटे बेटे की 1980 के दशक में एक दुर्घटना में मौत हो गई थी. कैस्टो मुखर्जी का निधन 2 मार्च 1982 को मुंबई, में हुआ था.
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