Kismat Connection: 12वीं की छुट्टियों में खाली बैठीं Madhuri Dixit को ऐसे मिली पहली फिल्म Abodh, ये है दिलचस्प किस्सा
Madhuri Dixit First Movie: माधुरी दीक्षित की पहली फिल्म थी अबोध (Abodh), जो साल 1984 में रिलीज हुई थी. उस वक्त माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) की उम्र महज 16-17 साल रही होगी.
Madhuri Dixit Struggle Story: हर इंसान अपने बारे में अपने भविष्य को लेकर कुछ ना कुछ सोचता जरूर है लेकिन जो वो सोचे वो पूरा हो जाए ये जरूरी नहीं. किस्मत किसे कहां ले जाए ये केवल ऊपरवाला ही जानता है. हमें कुछ मिलता है तो केवल संकेत, जिसके पीछे हम चलते रहते हैं. किस्मत कनेक्शन में हम सेलेब्स की ऐसी ही कहानियों से आपको रूबरू करवाएंगे जिनमें उन्होंने सोचा कुछ और था लेकिन किस्मत उन्हें बॉलीवुड में ले आई. लेकिन कैसे... वो दिलचस्प किस्सा है. आज जिनकी बात होगी वो हैं धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit).
अबोध थी पहली फिल्म
माधुरी दीक्षित की पहली फिल्म (Madhuri Dixit First Movie) थी अबोध (Abodh) जो साल 1984 में रिलीज हुई थी. उस वक्त माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) की उम्र महज 16-17 साल रही होगी. माधुरी दीक्षित ने अपने करियर में सफलता का खूब स्वाद चखा था लेकिन उनकी पहली फिल्म फ्लॉप रही थी. इस फिल्म के डायरेक्टर थे हीरेन नाग. फिल्म यूं तो लोगों को पसंद आई लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसने कोई खास कमाल नहीं दिखाया. लेकिन ये फिल्म माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) को आखिर मिली कैसे? कैसे उनकी किस्मत बॉलीवुड से जुड़ गई जबकि उनके परिवार में दूर-दूर तक फिल्मी बैकग्राउंड से कोई था नहीं. ये दिलचस्प किस्सा जानेंगे किस्मत कनेक्शन में.
ऐसे जुड़ा बॉलीवुड से कनेक्शन
माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) ने अपने कई इंटरव्यू में अपनी पहली फिल्म ऑफर होने के किस्से के बारे में बताया है जो काफी दिलचस्प था. माधुरी के मुताबिक उन्होंने ये फिल्म 12वीं कक्षा की छुट्टियों में की थी. दरअसल, उस वक्त वो सोच रही थीं कि छुट्टियों में क्या नया किया जाए. उसी वक्त राजश्री प्रोडक्शन अपनी अबोध फिल्म के लिए किसी मासूम सी दिखने वाली लड़की की तलाश में थे. उस वक्त माधुरी दीक्षित स्कूल में प्ले और डांस किया करती थीं. राजश्री प्रोडक्शन से जुड़े एक शख्स थे जिनकी बेटी माधुरी दीक्षित की बड़ी बहन की सहेली थी और वो माधुरी को जानते थे. लिहाजा वो ऑफर लेकर माधुरी के घर आए और फिल्म को लेकर बात की. हालांकि माधुरी के परिवारवालों ने साफ साफ मना कर दिया था. लेकिन उस शख्स के कहने पर माधुरी का परिवार राजश्री के ऑफिस पहुंचे. जब वो राजश्री के ऑफिस पहुंचे तो वहां माधुरी से हिंदी में कुछ लाइनें पढ़वाई गईं चूंकि माधुरी दीक्षित की हिंदी अच्छी थी लिहाजा उन्हें सीधे स्क्रीन टेस्ट के लिए बुला लिया गया.
हुई सेलेक्ट और मिल गई अबोध
इस स्क्रीन टेस्ट में माधुरी दीक्षित सेलेक्ट हो गई थीं और उन्हें अबोध फिल्म मिल गई. हालांकि ये फिल्म फ्लॉप हो गई और माधुरी फिर से पढ़ाई में जुट गईं. लेकिन इस बीच माधुरी दीक्षित को एक्टिंग में मजा आने लगा और उन्होंने 3-4 फिल्में और कर ली. लेकिन वो भी नहीं चली. कहते हैं दूसरा मौका किस्मतवालों को मिलता है और माधुरी दीक्षित उन किस्मतवालों में से थीं, जिन्हें दूसरा मौका मिला वो भी सुभाष घई की फिल्म से. माधुरी दीक्षित को सुभाष घई ने री-लॉन्च किया था और इस तरह दुनिया को माधुरी के रूप में मिली वो अदाकारा जिसकी मुस्कुराहट आज भी करोड़ों दिलों को सुकून पहुंचाती है.
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