चावल खाने की वजह से गजेंद्र चौहान को 'कृष्ण' के बजाए मिला 'युधिष्ठिर' का किरदार, जानें ये दिलचस्प किस्सा
जिस दौरान रामायण दूरदर्शन पर दिखाया जा रहा था उस वक्त गजेंद्र चौहान साउथ में फिल्में करने चले गए थे. वहां का खाना उन्हें रास नहीं आया क्योंकि खाने में चावल ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था.
बीआर चोपड़ा की महाभारत तब से चर्चा में है जब से इसे वापस से टीवी पर शुरू किया गया है. शो को लेकर फैंस काफी उत्साहित हैं, और पहले की ही तरह बीआर चोपड़ा की महाभारत को प्रशंसकों का बहुत प्यार मिला है. इस सीरियल में काम करने वाले कलाकारों ने भी स्टारडम का रंग देखा था. सीरियल में युधिष्ठिर का करिदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान भी काफी लोकप्रिय कलाकारों में से एक हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उन्हें पहले कृष्ण का रोल ऑफर किया गया था. साल 1986 में जब महाभारत का मुहूर्त शूट होना था तब राज बब्बर शुरुआती एपिसोड शूट कर रहे थे, मगर शो को दूरदर्शन पर दिखाने की बारी आई तो रामायण और महाभारत दोनों में पहले कोई एक ही टेलीकास्ट किया जाना था. उस वक्त रामयाण को दूरदर्शन पर दिखाया गया. 1987 और 1988 में बने रामायण को दर्शकों ने खूब सराहा.
जिस दौरान रामायण दूरदर्शन पर दिखाया जा रहा था उस वक्त गजेंद्र चौहान को काफी वक्त मिल गया था और वह साउथ में फिल्में करने चले गए थे. वहां का खाना उन्हें रास नहीं आया क्योंकि खाने में चावल ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था. चावल खाने की वजह से वह थोड़े मोटे हो गए थे.
जब महाभारत की शूटिंग शुरू हुई तो कास्टिंग टीम के सामने आए, तब रवि चोपड़ा ने उन्हें देख कर मना कर दिया कि वह कृष्ण के रोल में फिट नहीं हैं क्योंकि वह मोटे हो गए हैं. गेजेन्द्र को बलराम का रोल ऑफर किया गया, मगर उन्होंने यह रोल करने से मना कर दिया. रवि चोपड़ा के कहने पर उन्होंने युधिष्ठिर के सिए स्क्रीन टेस्ट दिया, जिसे देखने के बाद शो के निर्देशक, स्क्रिप्ट राइटर और कंसल्टेंट इसके लिए हामी भरी और उन्हें इस तरह युधिष्ठिर का किरदार मिला.
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