90 के दशक में बॉलीवुड प्लेबैक सिंगिंग से अपनी पहचान बनाने वाले कुमार शानू ने कहा है कि इंडियन आइडल जैसे सिंगिंग रियलिटी शो प्रतिभाओं को खोजने का एक मंच प्रदान करते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि योग्य कंटेस्टेंट्स को काम ऑफर करना संगीतकारों की जिम्मेदारी है. हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कुमार शानू ने बताया कि कैसे म्यूजिक इंडस्ट्री पिछले कुछ सालों में बदल गया है.


उन्होंने कहा, "इंडियन आइडल जैसे सिंगिंग रियलिटी शो की काफी चर्चा है. लेकिन क्या आपको लगता है कि यह मंच प्रतिभाओं को ढूंढने में कोई भूमिका निभाता है?" उन्होंने आगे कहा, "जितना गॉशिप होगा,  उतना टीआरपी बढ़ेगा. समझा करो. यह कोई बड़ी बात नहीं है. प्रतिभा एक रास्ता खोजती है और ये शो प्रतिभा को सामने लाने में मदद करता है. लेकिन आगे क्या?  इंडियन आइडल ही नहीं, हर शो ऐसी प्रतिभा को सार्वजनिक मंच पर लाता है. हो सकता है कि उन्हें इंडस्ट्री में मौका न मिले, लेकिन उन्हें कुछ काम और पैसा मिलने का मौका मिल सकता है."


सिंगर्स को काम ऑफर करना निर्देशकों की जिम्मेदारी 


इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, "ऐसे सिंगर्स को काम ऑफर करना निर्माताओं, संगीत निर्देशकों की जिम्मेदारी है.  कई ऐसे सिंगर्स हैं, जो प्रतिभाशाली हैं लेकिन किसी को उन्हें काम देने की जरूरत है. ये शो टैलेंट को लाइमलाइट में लाने का काम करता है. लेकिन इंडस्ट्री के लोगों को उन्हें काम ऑफर करने की जरूरत होती है." उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में संगीत के प्रति फिल्म निर्माताओं का दृष्टिकोण बदल गया है. सिंगर्स के गाने का अंदाज बदल गया है. निर्देशक अब चाहते हैं कि हम एक निश्चित तरीके से गाएं जबकि पहले हम अपने अंदाज में गा सकते थे."


ये भी पढ़ें-


Beast Second Look: बर्थडे पर एक्टर विजय का फैंस को तोहफा, रिलीज किया फिल्म Beast का नया पोस्टर


The Family Man 2: मनोज बाजपेयी और सामंथा की इस सीरीज ने हासिल किया ये बड़ा मुकाम