स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. कोर्ट की अवमानना करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कुणाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कुनाल और रचिता को छह हफ्ते के भीतर इसका जवाब देने हैं कि उनके खिलाफ अवमानना का मामला क्यों नहीं चलाना चाहिए?


इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को इसके लिए कोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दायर याचिकाओं पर हुई सुनवाई के बाद अपना फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था. इस मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने की.





ये था मामला


याचिका में कुणाल कामरा पर न्यायपालिका पर कई विवादित ट्वीट करने का आरोप लगाया गया था. कुणाल कामरा ने विशेष तौर पर मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े और जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़ पर तंज कसा था. कामरा ने 11 नवंबर को ट्वीट कर जस्टिस चंद्रचुड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी द्वारा रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को सुसाइड के लिए उकसाने वाले साल 2018 के एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी.


लॉ के स्टूडेंट की शिकायत


इसी दिन एक लॉ के एक स्टूडेंट स्कंद बाजपेयी ने अटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को कामरा के खिलाफ अवमानना के मामले में एक्शन के लेने किए कहा था. विरोध होने पर कामरा ने इस पर रिएक्शन दिया और माफी मांगने से इनकार कर दिया था. कामरा ने कहा था कि जो जिस ट्वीट में कोर्ट की अवमानना लोगों को लग रही हैं. वो सभी ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के पक्षपात को दिखाता है. उनके विचार वह नहीं बदलना चाहते हैं.


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