जब Lata Mangeshkar को दिया गया था धीमा ज़हर, तीन महीने तक बिस्तर से उठ भी नहीं पाई थीं स्वर कोकिला!
Lata Mangeshkar Life Facts: लता मंगेशकर जब 33 साल की थीं तब उन्हें धीमा ज़हर देखकर मारने की कोशिश की गई थी. उन्हें ठीक होने में तीन महीने से ज्यादा का वक्त लगा था.
Lata Mangeshkar Birth Anniversary: लीजेंड्री सिंगर रहीं लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनसे जुड़े ढ़ेरों किस्से कहानियां आज भी सुनाए जाते हैं. 28 सितंबर को उनकी बर्थ एनिवर्सरी है. लता मंगेशकर की लाइफ से जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा आज हम आपको सुना रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लता मंगेशकर जब 33 साल की थीं तब उन्हें धीमा ज़हर देखकर मारने की कोशिश की गई थी. एक इंटरव्यू में खुद लता मंगेशकर ने इस वाकये के बारे में बताया था. साथ ही ये भी कहा था कि इस मामले पर वे और उनका परिवार इसलिए बात नहीं करता था क्योंकि ये उनकी लाइफ का सबसे भयानक दौर था.
आपको बता दें कि यह घटना साल 1963 की थी और इस धीमे ज़हर का असर लता मंगेशकर के ऊपर ऐसा हुआ था कि वे बमुश्किल ही अपने बेड से खड़ी हो पाती थीं. लता मंगेशकर ने इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्हें ठीक होने में तीन महीने से ज्यादा का वक्त लगा था और इस दौरान वे बेड पर ही रही थीं. यह भी कहा था कि डॉक्टर्स के ट्रीटमेंट और दृढ़ संकल्प की बदौलत ही उनकी वापसी हो पाई थी.
लता मंगेशकर को लेकर यह अफवाह भी फ़ैली थी कि ज़हर के कारण उनकी आवाज़ भी चली गई थी, हालांकि लता जी ने इस बात को कोरी अफवाह करार दिया था. लता मंगेशकर ने यह भी खुलासा किया था कि बाद में उन्हें इस बात की जानकारी लग गई थी कि किस शख्स ने उन्हें ज़हर दिया है. हालांकि, सबूत ना होने के चलते इस शख्स के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया था.
आपको बता दें कि इसी साल 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया था. वह 29 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहीं थीं लेकिन बचाया नहीं जा सका था.
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