Lata Mangeshkar Unknown Facts: संगीत की दुनिया को सुरों से नवाजने वाली भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) इस समय मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हैं. उन्हें कोरोना से संक्रमित (Lata Mangeshkar Covid Positive) पाया गया है. इस खबर से उनके तमाम चाहने वाले उनकी अच्छी सेहत (Lata Mangeshkar Health) के लिए कामना कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर उनका नाम ट्रेंड कर रहा है. ऐसे में उनसे जुड़ा कई पुराने किस्से निकलकर सामने आ रहे हैं. इन्हीं में से एक किस्सा उनकी शुरुआती आमदनी से भी जुड़ा है.
लता मंगेशकर को आज भले ही भारतीय सिनेमा की स्वर कोकिला का खिताब हासिल है, लेकिन इंडस्ट्री में उनके लिए यह मुकाम पाना आसान नहीं था. बचपन से ही उनका जीवन संघर्ष में गुजरा. स्कूल की फीस न देने के कारण वह एक ही दिन की पढ़ाई कर सकीं. हालांकि, उन्हें अपने पिता और रंगमंच के कलाकार और गायक पंडित दीनानाथ मंगेशकर (Deenanath Mangeshkar) से उन्हें मीठी आवाज विरासत में मिल गई. लता मंगेशकर को बचपन से ही सिंगर बनने का शौक था. उन्होंने पांच साल की उम्र से ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था.
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हालांकि, उनके पिता को फिल्मों में उनका गाना पसंद नहीं था, लेकिन पिता की मौत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उन्हें फिल्मों में गाना पड़ा. आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्हें अपने जीवन की पहली कमाई 25 रुपये मिली थी. इसे वह अपनी पहली कमाई मानती हैं. उन्होंने साल 1942 में 'किटी हसाल' (Kiti Hasal) के लिए पहला गाना गाया था. शुरू-शुरू में पतली आवाज के कारण लता मंगेशकर (Singer Lata Mangeshkar) को कई बार रिजेक्शन भी देखना पड़ा था. मगर वक्त के साथ सुर, लय और ताल पर उन्होंने अपना दबदबा बना लिया.
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बता दें कि, अपनी गायकी के करियर में उन्होंने हिंदी, उर्दू सहित 36 भाषाओं में गाना गाया है और उन्हें हिंदी सिनेमा जगत के सबसे बड़े सम्मान दादा साहब फाल्के अवार्ड (Dada Saheb Phalke Award) से भी सम्मानित किया जा चुका है.