Lata Mangeshkar Health Update: Lata Mangeshkar को अभी क्यों नहीं किया जा रहा हॉस्पिटल से डिस्चार्ज? ये है वजह
Lata Mangeshkar News: कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से ही मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती स्वर कोकिला लता मंगेशकर को अभी एक और हफ्ते अस्पताल में ही रहना होगा.
Lata Mangeshkar Health Update : कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से ही मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती स्वर कोकिला लता मंगेशकर को अभी एक और हफ्ते अस्पताल में ही रहना होगा. अस्पताल से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र ने एबीपी न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि लता मंगेशकर की तबीयत में पहले से काफी सुधार हुआ है, उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने भी इसकी पुष्टि की है मगर डॉक्टरों ने एतिहयात के तौर पर कम से कम एक और हफ्ते तक उन्हें अस्पताल में रखने का फैसला किया है.
अस्पताल के सूत्र ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि अगले एक हफ्ते तक भी लता मंगेशकर आईसीयू में ही डॉक्टरों की निगरानी में ही रखेंगी. सूत्र ने कहा कि उन्हें डिस्चार्च करने को लेकर डॉक्टर कोई हड़बडी नहीं करना चाहते हैं और उन्हें इस वक्त बाहर के वातावरण से एक्पोज नहीं करना चाहते हैं. सूत्र ने कहा कि ऐसा करने से उन्हें फिर से संक्रमण होने का खतरा हो सकता है.
Heartfelt request for the disturbing speculation to stop.
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) January 22, 2022
Update from Dr Pratit Samdani, Breach Candy Hospital.
Lata Didi is showing positive signs of improvement from earlier and is under treatment in the ICU.
We look forward and pray for her speedy healing and homecoming.
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर प्रतीत समदानी समेत 5 डॉक्टरों की एक टीम लता मंगेशकर के इलाज में जुटी हुई है. लता मंगेशकर को 8-9 जनवरी की दरमियानी रात को कोरोना से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में दाखिल कराया गया था. गौरतलब है कि 92 साल की लता मंगेशकर के घर में काम करनेवाली एक बाई के कोरोना संक्रमित होने के बाद लता दीदी का भी कोरोना टेस्ट कराया गया था. कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अपने घर 'प्रभु कुंज' के पास ही स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में दाखिल कराया गया था. बीमार होने पर वो अक्सर इस अस्पताल में अपना इलाज कराती हैं.
इलाज के लिए भर्ती होने के बाद डॉक्टर प्रतीत समदानी ने एबीपी न्यूज़ को बताया था कि लता दीदी कोविड के साथ ही निमोनिया हो गया है जिससे 'कोविड निमोनिया' के नाम से भी जाना जाता है.