कहते हैं अगर आपके अंदर हुनर है तो आपको बोलने की ज़रुरत नहीं होती, आपका काम ही काफी होता है. सूरज बड़जात्या भी उन्हीं निर्देशकों में से एक हैं जो बेहद कम बोलते हैं और जितना भी बोलते हैं वो भी शालीन तरीके से बोलते हैं क्योंकि उनका काम ही उनकी हर बात कह जाता है. जब सूरज बड़जात्या माधुरी दीक्षित की पहली फिल्म 'अबोध' में असिस्टेंट डायरेक्टर का रोल निभा रहे थे तब उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि कभी वो उनकी करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म में डायरेक्टर होंगे और वो फिल्म थी 'हम आपके हैं कौन'.
1994 में रिलीज़ हुई थी फिल्म
'हम आपके हैं कौन' से 10 सालों पहले यानि 1984 में माधुरी दीक्षित ने 'अबोध' फिल्म में पहली बार काम किया था. उस वक्त सूरज बड़जात्या फिल्म के असिस्टेंट डायरेक्टर थे. जो सेट पर बेहद ही शांत रहते थे, शर्मीले थे अपने में खोए रहते थे, तब माधुरी ने कभी नहीं सोचा था कि ये कभी डायरेक्टर बनेंगे. और वो उन्हीं की फिल्म की हीरोईन होंगी, वो उन्हें चेहरे पर रिएक्शन्स के लिए समझाएंगे. लेकिन 10 सालों बाद ये मुमकिन हुआ हम आपके हैं कौन से. इस फिल्म में काम करने वाला हर कलाकार सूरज बड़जात्या की सादगी, गंभीरता और काम के प्रति समर्पण भाव का दीवाना था.
फैमिली ड्रामा थी हम आपके हैं कौन
1994 में रिलीज हम आपके हैं कौन उस वक्त में आई काफी अलग फिल्म थी. ये वो दौर था जब लोग हलचल, बाज़ीगर, करण अर्जुन जैसी एक्शन फिल्मी ड्रामा फिल्मों को ज्यादा पसंद कर रहे थे और उन्हीं पर ज्यादा दांव भी लगाया जा रहा था. उस दौर में सूरज बड़जात्या एक फैमिली ड्रामा लेकर आए जिसमें ऐसे परिवार की कहानी थी जो काफी खुश है, एक साथ मिलकर रहता है, न लड़ाई, झगड़ा, न गाली गलौज न मार धाड़. नतीजा लोगों को लीक से हटकर कुछ पसंद आया और फिल्म जबरदस्त हिट हो गई.
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