(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एक फिल्म के पोस्टर में आख़िर में नाम लिखे जाने का नतीजा ये हुआ कि माधुरी इंडस्ट्री में पहले पायदान पर पहुंच गईं
माधुरी दीक्षित की फिल्म 'तेज़ाब' ने उनकी जिंदगी ऐसी बदली कि जिसके बाद उन्होंने कभी मुडकर ही नहीं देखा. अपने लंबे फिल्मी करियर में माधुरी ने इंडस्ट्री के लगभग हर बड़े निर्माता-निर्देश और एक्टर के साथ काम किया, जिसका श्रेय काफी हद तक उनके मैनेजर राकेश नाथ को भी जाता है.
माधुरी दीक्षित ने 90 के दशक में दर्शकों के लिए में अपनी खास जगह बनाई थी, ये वो दौर था जब माधुरी हर वर्ग के लोगों की पसंदीदा एक्ट्रेस हुआ करती थीं. हर कोई उनके डांस और उनकी खूबसूरती का दीवाना हुआ करता था, मगर एक वक्त ऐसा भी था जब बॉलीवुड की धक-धक गर्ल माधुरी के पास ज्यादा काम नहीं था, लेकिन फिल्म 'तेज़ाब' ने उनकी जिंदगी ऐसी बदली कि जिसके बाद उन्होंने कभी मुडकर ही नहीं देखा. अपने लंबे फिल्मी करियर में माधुरी ने इंडस्ट्री के लगभग हर बड़े निर्माता-निर्देश और एक्टर के साथ काम किया, जिसका श्रेय काफी हद तक उनके मैनेजर राकेश नाथ को भी जाता है.
राकेश नाथ जिन्हें इंडस्ट्री में लोग रिक्कू के नाम से जानते हैं, माधुरी से उनकी पहली मुलाकात साल 1984 में एक टीवी शो के सेट पर हुई थी.उस वक्त रिक्कू अनिल कपूर का काम संभालते थे. रिक्कू ने पहली बार में ही माधुरी के काम से इंप्रेस हो गए. फिर क्या था माधुरी की पहली फिल्म ‘अबोध’ रिलीज हुई, जिसके कुछ समय बाद रिक्कू, माधुरी दीक्षित के मैनेजर बन उनका काम देखने लगे थे. हालांकि माधुरी की पहली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही लेकिन फिर भी उन्होंने 5 और फिल्में साइन कर ली थीं जिनमें वो सपोर्टिंग रोल्स अदा करने वाली थीं. रिक्कू अनिल कपूर और माधुरी दोनों का काम देखने लगे, वो माधुरी को काम दिलाने के लिए एक प्रोड्यूसर से दूसरे प्रोड्यूसर के पास लगातार जाते रहते थे, जिसकी बदौलत उस समय के मशहूर डायरेक्टर टी.रामा राव ने अपनी अगली फिल्म ‘खतरों के खिलाड़ी’ में माधुरी को साइन कर लिया था, इस फिल्म में माधुरी, धर्मेंद्र, चंकी पांडे, नीलम और संजय दत्त जैसे कलाकारों के साथ काम करने जा रही थीं. जब फिल्म बनी तो इसके पोस्टर्स पर माधुरी का नाम सबसे आखिर में लिखा गया. ये बात रिक्कू को हजम नहीं हुई और डायेक्टर इस बारे में बात की, जिसपर टी. रामा राव ने बताया कि उन्होंने ऐसा किया क्योंकि फिल्म के सभी कलाकारों में से सबसे माधुरी सबसे जूनियर हैं, लेकिन रिक्कू उनकी बात से सहमत नहीं थे, उन्होंने कहा कि माधुरी नीलम से सीनियर हैं तो डायेक्टर ने भी कह दिया कि ये बात साबित करके दिखाओ.
फिर क्या था रिक्कू भी अपनी बात पर अड़े रहे और नीलम की पहली फिल्म ‘जवानी’ के डायरेक्टर रमेश बहल के पास जा पहुंचे और उन्होंने उनसे नीलम की पहली फिल्म की रिलीज डेट पेपर पर लिखवा ली. इसके बाद वो माधुरी दीक्षित की पहली फिल्म 'अबोध' जिसे राजश्री प्रोडक्शन हाउस ने बनाया था उनके पास पहुंचे और उस फिल्म की रिलीज डेट भी लिखवा ली. दोनों फिल्में साल 1984 में ही रिलीज़ हुई थीं, मगर माधुरी की फिल्म सिनेमाघरों में पहले लगी थी. नीलम और माधुरी दोनों की फिल्मों की रिलीज डेट उन्होंने टी. रामा राव को बताई तो वो भी मान गए और फिल्म के पोस्टर पर माधुरी का नाम पहले लिखवाया दिया.
वहीं जब माधुरी की पहली फिल्म की रिलीज डेट पता करने के लिए राजश्री के ऑफिस गए थे तो वहां उनकी फिल्ममेकर एन. चंद्रा से हुई और बातों बातों में उन्होंने बताया कि वो अपनी अगली फिल्म के लिए हीरोइन तलाश रहे हैं जिसमें अनिल कपूर को हीरो लिया गया है, उस फिल्म का नाम था 'तेज़ाब'. एन. चंद्रा की ये बात सुनकर रिक्कू ने माधुरी की तस्वीरें उनके सामाने रख दी. एन. चंद्रा को भी माधुरी की तस्वीरें अच्छी लगी लेकिन फिर भी वो उनका काम देखना चाहते थे तो रिक्कू ने तुरंत माधुरी की पहली फिल्म के कुछ सीन उन्हें दिखा दिए. माधुरी का काम देखते ही उन्हें ‘तेज़ाब’ के लिए साइन कर लिया. जिसके बाद माधुरी की जिंदगी कैसे बदली ये हर कोई जानता है.
यहां पढ़ें
एक बार फिर जी टीवी पर दिखाया जाएगा सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे का 'पवित्र रिश्ता'
कृष्ण का किरदार निभा चुके हैं स्वप्निल जोशी के बच्चों ने उन्हें पर्दे पर देख दिया ऐसा रिएक्शन