वेबसीरीज़ 'मिर्ज़ापुर 2' इन दिनों अपने ज़बरदस्त कंटेंट की वजह से चर्चा में है. 2018 में आई मिर्ज़ापुर देखने के बाद दर्शकों को सीरीज़ के दूसरे पार्ट से जो उम्मीदें थीं वो कहीं न कहीं पूरी होती दिख रही हैं. दूसरे सीज़न में जान डालने के लिए इस बार कई नए किरदारों को भी इंट्रोड्यूज करवाया गया है. इनमें रॉबिन(प्रियांशु पैन्युली), शकुंतला शुक्ला (मेघना मलिक), सलोनी त्यागी (नेहा सरगम), दद्दा त्यागी (लिलिपुट) और माधुरी यादव (ईशा तलवार) आदि के किरदार प्रमुख हैं. हर किरदार कहानी को नई दिशा दे रहा है लेकिन क्या आपने नोटिस किया कि माधुरी बनीं ईशा तलवार का किरदार सीरीज़ में खासकर चर्चा का विषय बना हुआ है.


माधुरी यादव को मुख्यमंत्री सूर्य प्रताप (जिसे पारितोष संद) की बेटी के रूप में दिखाया गया है. सीरीज़ में उनकी पहली झलक तब देखने को मिलती है जब मुन्ना भैया को पार्टी की ओर से एक रैली मैनेज करने के लिए कहा जाता है. माधुरी इस रैली में भाषण देती है. मिर्ज़ापुर 2 में माधुरी के किरदार को अगर आपने गौर से देखा होगा तो आप समझ गए होंगे कि तीसरे सीज़न में यह रोल कुछ और आगे जाना वाला है.



सीरीज़ में माधुरी के किरदार को जिस तरह से गढ़ा गया है वो कटरीना कैफ के फिल्म राजनीति में निभाए इंदु से मेल खाता है. लोग माधुरी बनी ईशा की भी तुलना राजनीति की कटरीना से कर रहे हैं. आइए जानते हैं कैसे एक जैसे होने का एहसास दिलाते हैं ये किरदार?


मिर्ज़ापुर 2 में माधुरी यादव मुन्ना से कहती नज़र आती है कि उसे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है लेकिन वो केवल अपने पिता के लिए यह सब कर रही है जो कि एक मुख्यमंत्री हैं. वह मुन्ना के साथ टाइम पास करती दिखती है लेकिन फिर उसके करीब आ जाती है. विधवा होने के नाते वह रंग-बिरंगे कपड़े नहीं पहन सकती लेकिन ज़िंदगी से उसे प्यार है.



वहीं, राजनीति में भी इंदु के किरदार में कटरीना को भी पहले जिंदादिल दिखाया जाता है जो समर (रणबीर कपूर) से प्यार करती है. वह भी माधुरी की तरह राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखती. हालांकि, परिस्थितियां बदलती हैं और दोनों को राजनीति में प्रवेश करना पड़ता है. माधुरी अपने पिता को खोती है और इंदु अपने पति को फिर हम इनका निर्भीक अवतार देख पाते हैं.


मिर्ज़ापुर 2 में माधुरी शातिर तरीके से अपना नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बढ़ाकर इस पद पर विराजमान हो जाती है. वहीं राजनीति में इंदु भी फिल्म के अंत में मुख्यमंत्री बन जाती है.



दोनों किरदारों में एक और समानता ये है कि दोनों की ही शादी फायदे के लिए करवाई जाती है. मिर्ज़ापुर में विधवा माधुरी मुन्ना के करीब आ जाती है जिससे उसके पिता परेशान हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि बदनामी से अच्छा है कि वह अपनी विधवा बेटी की शादी दोबारा कर दें. दूसरी तरफ, कालीन भैया भी माधुरी से मुन्ना की शादी करवाकर अपनी पॉलिटिकल पॉवर बढ़ाना चाहते हैं.


दोनों शादी के बाद प्यार में पड़ते हैं. उसी तरह राजनीति में इंदु की शादी भी राजनीतिक फायदे के लिए की जाती है.शादी के बाद इंदु (कटरीना) और पृथ्वी (अर्जुन रामपाल)करीब आते हैं. दोनों ही फिल्मों में जब अभिनेत्रियां विधवा हो जाती हैं तो वो इसका उपयोग राजनीतिक फायदा उठाने के लिए करती हैं. वैसे ना सिर्फ किरदारों बल्कि इनकी चाल-ढाल, रैली को संबोधित करने का तरीका, आंखों का इस्तेमाल, और पूरी वेशभूषा एक-दूसरे से मेल खाती है.