मुंबई: बीआर चोपड़ा के बेहद लोकप्रिय टीवी शो 'महाभारत' में इंद्र भगवान का रोल निभानेवाले हिंदी-पंजाबी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता सतीश कौल की कोरोना संक्रमण से आज सुबह मौत हो गई है. पिछले हफ्ते कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें लुधियाना के श्री रामा चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल में दाखिल कराया गया था. वे 72 साल के थे.
पिछले कुछ सालों से सतीश कौल की देखभाल करती आ रहीं उनकी केयरटेकर सत्या देवी ने लुधियाना से फोन पर इस खबर की पुष्टि करते हुए एबीपी न्यूज़ को बताया कि उनका अंतिम संस्कार लुधियाना में रविवार के दिन किया जाएगा. सतीश कौल ने तकरीबन 300 हिंदी और पंजाबी फिल्मों में काम किया था. बेहद लोकप्रिय सीरियल्स 'महाभारत', 'सर्कस' और 'विक्रम बेताल' में भी अलग-अलग किरदारों में नजर आए थे.
बीमारी और आर्थिक तंगी
हालांकि सतीश कौल की जिंदगी बीमारी और आर्थिक तंगी में गुजर रही थी. लुधियाना में एक छोटे से मकान में रहने के लिए मजबूर सतीश कौल को पिछले साल लॉकडाउन के दौरान हर महीने किराये और अपनी दवाईयों के लिए लगने वाले पैसों के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही थी.
तकरीबन 6 साल पहले पटियाला में गिरने की वजह से हिप बोन फैक्चर का शिकार होने के बाद उन्हें चंडीगढ़ के अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. इस बीमारी की मार से वो मरने तक उभर नहीं पाए थे. सालों बाद भी वे ठीक से चलने-फिरने की हालत में नहीं थे. ढाई साल अस्पताल में रहने के बाद सतीश कौल डेढ़ साल तक वृद्धाश्रम में भी रहे.
फ्लैट बेचा
तकरीबन 25 साल पहले माता-पिता के कैंसर के इलाज के लिए उन्होंने ढाई लाख रुपये में मुंबई में वर्सोवा स्थित अपना फ्लैट बेच दिया था. बाकी बचे पैसों से छोटी बहन की शादी भी कराई. कुछ साल पहले लुधियाना में एक एक्टिंग स्कूल भी पार्टनरशिप में खोला लेकिन उसमें भी 20 लाख रुपये से भी ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा था.
सतीश कौल ने पिछले साल एबीपी न्यूज़ से फोन पर बात करते हुए कहा था, 'ऐसा नहीं है कि अपना सबकुछ गंवा देने के बाद और बीमार होने के बाद से मुझे लोगों से मदद हासिल नहीं हुई. कुछ साल पहले मुझे सरकारी मदद के तौर पर 5 लाख रुपये भी मिले थे, लेकिन धीरे-धीरे सारे पैसे इलाज और दवाइयों में खर्च हो गए.'
उल्लेखनीय है कि शादी के एक साल बाद ही सतीश कौल का अपनी पत्नी से तलाक हो गया था. पत्नी ने दूसरी शादी कर ली और बेटे को लेकर डर्बन (दक्षिण अफ्रीका) चलीं गईं. खुद को सतीश कौल का फैन बताने वाली सत्या देवी पिछले 7 सालों से उनका ख्याल रखती आ रही थीं. चार बच्चों की मां और 69 साल की सत्या देवी और सतीश कौल के रिश्ते को लेकर भी लोगों ने उंगलियां उठाईं, लेकिन बुरे से बुरे वक्त में भी सत्या देवी ने मरने तक उनका साथ नहीं छोड़ा और हमेशा से उनकी हर छोड़ी-बड़ी जरूरत का ख्याल रखा.
बॉलीवुड में नहीं मिली शोहरत
1969 में फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) में पढ़ाई के वक्त जया भादुड़ी, डैनी डेंगजोप्पा, आशा सचदेव, अनिल धवन जैसे कई कलाकार उनके बैचमेट थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद में सतीश कौल को कई पंजाबी फिल्मों में बतौर हीरो काम करने का मौका मिला. हिंदी फिल्मों में भी हाथ आजमाया, मगर उन्हें वो कामयाबी नहीं मिली, जिसकी उन्हें उम्मीद थी. हालांकि उन्होंने दिलीप कुमार, देव आनंद, विनोद खन्ना जैसे बॉलीवुड के तमाम एक्टर्स के साथ काम किया. लेकिन बॉलीवुड में उन्हें वो शोहरत हासिल नहीं हुई जो उन्हें पंजाबी फिल्मों में मिली.
सतीश कौल ने पिछले साल एबीपी न्यूज़ से कहा था, 'धीरे-धीरे कम हो रहे काम और पैसे के अभाव से मैं इस कदर परेशान हो चुका था कि मैं एक दिन सीधे 'महाभारत' के निर्माता/निर्देशक बीआर चोपड़ा के दफ्तर में गया और एकदम ऊंची आवाज में उनसे कहा कि एक पंजाबी होने के नाते अगर आप मुझे काम नहीं देंगे तो कौन देगा?' इसके बाद बीआर चोपड़ा ने फौरन मुझे देवराज इंद्र का रोल ऑफर करते हुए पेशगी के तौर पर 5000 रुपये दिए और दो दिन बाद फिल्मसिटी में क्रांति मैदान में लगे सेट पर शूटिंग कर लिए आने को कहा.'