महाराष्ट्र सरकार कोरोना संकट के बीच नए दिशानिर्देशों के साथ, मनोरंजन उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए जल्द ही शूटिंग को बहाल करने की तैयारी में है. मनोरंजन उद्योग के प्रतिनिधियों और महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के प्रमुख सचिव डॉ. संजय मुखर्जी के बीच गुरुवार रात को हुए एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद यह निर्णय लिया गया.
इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करते हुए फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) के मुख्य सलाहकार अशोक पंडित, प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया के अपूर्व मेहता और मधु भोजवानी और मराठी चित्रपट महामंडल के मेघराज भोसले ने अपनी बात रखी. वीडियो कॉल के माध्यम से, शूटिंग को फिर से शुरू करने और मीडिया और मनोरंजन उद्योग के अन्य संबद्ध कार्यों पर चर्चा की गई.
कॉन्फ्रेंस में यह निष्कर्ष निकला कि पोस्ट प्रोडक्शन गतिविधियां तुरंत सरकार द्वारा जारी किए गए सभी स्वास्थ्य, सुरक्षा सुरक्षा मानदंडों और दिशानिर्देशों के अनुरूप शुरू होनी चाहिए.
मनोरंजन उद्योग की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा एक उचित वित्तीय पैकेज पर काम किया जाना है.
राज्य सरकार के स्वामित्व वाले परिसर को सिगंल विंडो परमशिन सुविधा के साथ शूटिंग के लिए निर्माताओं और प्रोडक्शन हाउसों को निशुल्क दिया जाना चाहिए.
फिल्म सिटी में स्थापित किए गए सेट पर कोई किराया नहीं होना चाहिए, जो लॉकडाउन के कारण अप्रयुक्त पड़े हुए हैं. लॉकडाउन समाप्त होने के बाद, फिल्म सिटी में परिसर को निर्माताओं और प्रोडक्शन हाउसों को रियायती दरों पर प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि लॉकडाउन के कारण होने वाले नुकसान का सामना किया जा सके. ये दरें तब तक लागू रहेंगी जब तक कि शहर में हालात सामान्य नहीं हो जाते.
इंडस्ट्री के हितधारकों द्वारा एक एसओआई पहले ही सौंपा जा चुका है. इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए) के अध्यक्ष टीपी अग्रवाल ने कहा कि डॉ. संजय मुखर्जी ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार में मीडिया और मनोरंजन उद्योग में काम फिर से शुरू करने से संबंधित गंभीर चर्चाएं हो रही हैं.
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