'मेरे पास मां है...' मां पर कहा गया ये शायद हिंदी सिनेमा का सबसे मशहूर डायलॉग है, लेकिन आज पर्दे पर मां की परिभाषा बदल गई. बड़े पर्दे की मां अब ओटीटी पर 'Mai' बन गई है और इसे ओटीटी की नई मदर इंडिया कहा जा सकता है. नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज आई है 'माई'. इसका ट्रेलर देखकर लगा था कि ये श्रीदेवी की फिल्म 'मॉम' जैसी होगी या रवीना टंडन की फिल्म 'मातृ' जैसी लेकिन ये 'माई' इन किरदारों से काफी आगे निकल गई है
कहानी :
ये कहानी है शील यानि साक्षी तंवर की जिनकी बेटी वामिका एक हादसे में मारी जाती है , लेकिन माई को यकीन है कि बेटी के साथ हुआ ये हादसा इतना सिंपल है नहीं जितना लग रहा है. माई की बेटी बोल नहीं सकती थी लेकिन स्टैंड अप कॉमेडियन थी. आखिरी दिनों में परेशान थी, लेकिन माई को बताया नहीं कि हुआ क्या है. बेटी की मौत के बाद जब साक्षी को लगता है कि बेटी के साथ कुछ गलत हुआ है तो वो लग जाती है पता लगाने. एक मां क्या कर सकती है. अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए किस हद तक जा सकती है. यही कहानी है माई की. इस सीरीज को Atul Mongia ने डायरेक्ट किया है और दोनों ने अपना काम अच्छे से किया है.
ये कहानी है शील यानि साक्षी तंवर की जिनकी बेटी वामिका एक हादसे में मारी जाती है , लेकिन माई को यकीन है कि बेटी के साथ हुआ ये हादसा इतना सिंपल है नहीं जितना लग रहा है. माई की बेटी बोल नहीं सकती थी लेकिन स्टैंड अप कॉमेडियन थी. आखिरी दिनों में परेशान थी, लेकिन माई को बताया नहीं कि हुआ क्या है. बेटी की मौत के बाद जब साक्षी को लगता है कि बेटी के साथ कुछ गलत हुआ है तो वो लग जाती है पता लगाने. एक मां क्या कर सकती है. अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए किस हद तक जा सकती है. यही कहानी है माई की. इस सीरीज को Atul Mongia ने डायरेक्ट किया है और दोनों ने अपना काम अच्छे से किया है.
एक्टिंग :
वेब सीरीज का सेंट्रल किरदार एक नर्स साक्षी तंवर है. साक्षी कमाल की एक्ट्रेस हैं इसमें कोई शक नहीं. कहानी घर घर की है जैसे सीरियल से साक्षी घर घर में मशहूर हो गई थीं. बड़े अच्छे लगते हैं जैसे सीरियल में भी हमें साक्षी का एक अलग ही रूप दिखा. एक मां को किरदार को साक्षी एक अलग ही लेवल पर ले गई हैं. एक मां के दर्द को साक्षी ने इस तरह से निभाया है कि उसे आप भी महसूस करते हैं.
बेटी को इंसाफ ना मिलने की हताशा हो या बेटी के साथ जिन्होंने गलत किया उनके साथ साक्षी के भिड़ने के सीन. हर फ्रेम में साक्षी कमाल हैं. साक्षी की बेटी के किरदार में वामिका ने अच्छा काम किया है. विवेक मुशरान ने साक्षी के पति का किरदार निभाया है जो एक कमजोर शख्स है और इस किरदार में विवेक जमे हैं. राइमा सेन ने नीलम नाम का नेगेटिव किरदार निभाया है और वो खूब जमी हैं. रायमा को नेगेटिव किरदार में देखना झटका देता है, लेकिन वो अपने किरदार को बखूबी निभा जाती हैं.प्रशांत नारायणन का किरदार छोटा है लेकिन वो जमे हैं. बाकी किरदारों ने भी अपना काम अच्छे से किया है.
वेब सीरीज का सेंट्रल किरदार एक नर्स साक्षी तंवर है. साक्षी कमाल की एक्ट्रेस हैं इसमें कोई शक नहीं. कहानी घर घर की है जैसे सीरियल से साक्षी घर घर में मशहूर हो गई थीं. बड़े अच्छे लगते हैं जैसे सीरियल में भी हमें साक्षी का एक अलग ही रूप दिखा. एक मां को किरदार को साक्षी एक अलग ही लेवल पर ले गई हैं. एक मां के दर्द को साक्षी ने इस तरह से निभाया है कि उसे आप भी महसूस करते हैं.
बेटी को इंसाफ ना मिलने की हताशा हो या बेटी के साथ जिन्होंने गलत किया उनके साथ साक्षी के भिड़ने के सीन. हर फ्रेम में साक्षी कमाल हैं. साक्षी की बेटी के किरदार में वामिका ने अच्छा काम किया है. विवेक मुशरान ने साक्षी के पति का किरदार निभाया है जो एक कमजोर शख्स है और इस किरदार में विवेक जमे हैं. राइमा सेन ने नीलम नाम का नेगेटिव किरदार निभाया है और वो खूब जमी हैं. रायमा को नेगेटिव किरदार में देखना झटका देता है, लेकिन वो अपने किरदार को बखूबी निभा जाती हैं.प्रशांत नारायणन का किरदार छोटा है लेकिन वो जमे हैं. बाकी किरदारों ने भी अपना काम अच्छे से किया है.
कमी :
ये सीरीज 6 एपिसोड की है और कहीं-कहीं आपको थोड़ी धीमी लगती है. ऐसा लगता है कि इसे थोड़ा सा छोटा किया जा सकता था लेकिन फिर जैसे ही साक्षी स्क्रीन पर आती हैं वो पूरा ध्यान खींच ले जाती है.
क्यों देखें :
ये एक अच्छी सीरीज है. जो एक एक मां की मजबूती को दिखाती है. सीरीज में अच्छा सस्पेंस बिल्ड किया गया है. ये सीरीज आप साक्षी तंवर की शानदार एक्टिंग के लिए देख जरूर देख सकते हैं
ये एक अच्छी सीरीज है. जो एक एक मां की मजबूती को दिखाती है. सीरीज में अच्छा सस्पेंस बिल्ड किया गया है. ये सीरीज आप साक्षी तंवर की शानदार एक्टिंग के लिए देख जरूर देख सकते हैं
रेटिंग - 5 में से 3.5 स्टार