मिर्ज़ापुर 2 में एक सीन है जिसमें सत्यानंद त्रिपाठी यानि कुलभूषण खरबंदा अपने हाथ में मशहूर लेखर सुरेंद्र मोहन पाठक की किताब ‘धब्बा’ पढ़ रहे होते हैं. और इसी सीन को लेकर अब इस किताब के राइटर ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सीरीज़ के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की बात तक कह डाली है. लेकिन आखिर विवाद है क्या...चलिए बताते हैं आपको विस्तार से


किताब के नरेशन पर जताई गई है आपत्ति


दरअसल, इस सीन में कुलभूषण खरबंदा किताब के कुछ अंश पढ़कर सुनाते हैं. लेकिन जिस तरीके से यह सीन फिल्माया गया है उस पर लेखक ने कड़ी आपत्ति जताई हैं. सुरेंद्र मोहन पाठक के मुताबिक इससे उनकी किताब व उनकी छवि को काफी नुकसान हुआ है. जो उन्हें मंजूर नहीं है. जिसके बाद ही लेखक ने प्रोडक्शन हाउस को चेतावनी दी है कि अगर ये सीन सीरीज से नहीं हटाया गया तो वे लीगल एक्शन भी ले सकते है. हालांकि अब मेकर्स ने सीरीज से ये सीन हटा दिया है. 


सोशल मीडिया पर लेटर जारी कर मांगी माफी


सिर्फ इस सीन को ही एडिट नहीं किया गया है बल्कि राइटर से प्रोडक्शन हाउस ने लिखित में माफी भी मांगी है. और इस लेटर को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है. जिसमें लिखा है - प्यारे सुरेंद्र मोहन पाठक जी, हम अपनी इस गलती के लिए क्षमा मांगते हैं और ये भी साफ कर देना चाहते हैं कि ऐसा करने में हमारी मंशा ये बिल्कुल भी नहीं थी कि किसी भी तरह से आपकी छवि को नुकसान पहुंचे. हम इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि आप हिंदी प्राइम फिक्शन के एक बड़े राइटर हैं और आपके काम की काफी प्रशंसा की जाती है. 






3 हफ्ते में गलती सुधारने के लिए मांगा समय


वहीं प्रोडक्शन हाउस ने आगे कहा - आपकी इच्छानुसार उस सीन को हटा दिया गया है. सीन से बुक कवर को ब्लर कर देंगे और 3 हफ्ते के अंदर वॉइस ओवर भी हटा दिया जाएगा. इस गलती के लिए हमें माफ कर दें.


23 अक्टूबर को रिलीज़ हुई मिर्जापुर 2


आपको बता दें कि मिर्जापुर का दूसरा सीज़न 24 अक्टूबर को रिलीज़ होना था लेकिन इसे एक दिन पहले ही यानि 23 अक्टूबर को ही रिलीज कर दिया गया. इस बार पुराने कैरेक्टर्स के साथ साथ कुछ नए किरदारों की भी एंट्री हुई है जिसे दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं.