मिर्जापुरः दर्शकों के बीच हिट है वेब सीरीज, जानिए- किन कारणों ने बनाया इस क्राइम थ्रिलर को इतना पॉपुलर
पूर्वी यूपी के कई इलाके ऐसे हैं जो अपने बाहुबली गुंडों, स्थानीय डॉन या आपराधिक छवि वाले नेताओं के कारण जाने जाते रहे हैं और मिर्जापुर भी इससे अलग नहीं है. यह दर्शकों के बीच आकर्षण का एक बड़ा कारण है.
भारत में ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म एमेजॉन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज मिर्जापुर के दूसरे सीजन का ट्रेलर आ चुका है. इसके साथ ही रिलीज की तारीख भी तय हो गई है- 23 अक्टूबर. अपने पहले सीजन में जबरदस्त लोकप्रियता और चर्चा हासिल करने वाली इस सीरीज के दूसरे सीजन का इंतजार दर्शकों को कई महीनों से था. नए सीजन से भी दर्शकों को उम्मीदें हैं कि इसमें पहले जैसा ही मनोरंजन और रोमांच होगा.
ऐसे में सवाल जरूर उठता है कि इस क्राइम-एक्शन थ्रिलर में वो क्या खासियत है, जो इसे दर्शकों के बीच इतना पॉपुलर बना रहा है.
पूर्वांचल के बाहुबलियों और राजनीति का आकर्षण
सबसे पहले इस शो का नाम और इसकी सेटिंग ही अपने आप में इसे जुबान पर लाने के लिए काफी है. पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक शहर है मिर्जापुर, जहां शहर और गांव का मिक्स कलेवर देखने को मिलता है.
पूर्वी यूपी के कई इलाके ऐसे हैं जो अपने बाहुबली गुंडों, स्थानीय डॉन या आपराधिक छवि वाले नेताओं के कारण जाने जाते रहे हैं और मिर्जापुर भी इससे अलग नहीं है. ऐसे में इस क्षेत्र की पृष्ठभूमि पर बने शो की ओर दर्शकों में, खास तौर पर पूरे पूर्वांचल के निम्न वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक, इसका आकर्षण स्वाभाविक है.
हर एक किरदार की अपनी खास कहानी और जरूरतें
इस वेब सीरीज को खास बनाने में इसकी कास्टिंग का बड़ा रोल है. पंकज त्रिपाठी ने पिछले कुल सालों में बड़े पर्दे पर अलग-अलग किरदारों से अपनी एक्टिंग की रेंज दिखाई है और हर रोल में दर्शकों के बीच पॉपुलर हुए हैं.
इस बार गैंगस्टर कालीन भैया के रोल में त्रिपाठी सीरीज के मुख्य किरदार हैं. कालीन भैया गैंगस्टर होकर भी दर्शकों का फेवरिट है. अपनी गंभीर छवि के साथ त्रिपाठी ने इसे जबरदस्त बनाया है.
इनके अलावा अली फजल, विक्रांत मैसी, दिव्येंदु शर्मा, रसिका दुग्गल, श्रिया पिलगांवकर और श्वेता त्रिपाठी इसमें अन्य प्रमुख किरदार हैं. इनमें से कोई ऐसा कैरेक्टर नहीं है, जो अधूरा सा लगे. सबकी अपनी एक कहानी, एक ख्वाहिश और एक मजबूरी है, जो पहले सीजन में उन्हें अलग-अलग रास्तों पर ले जाती है.
सभी नायक, सभी खलनायक
किसी भी अन्य शो के बजाए, इसमें कोई भी नायक यानी हीरो नहीं है. असल में, हर किसी का एक नेगेटिव या ग्रे शेड है, जो अपनी परिस्थितियों और जरूरत के मुताबिक कभी नायक/नायिका लगता है, तो अगले ही पल उससे ज्यादा डार्क कैरेक्टर कोई नहीं दिखता.
जाहिर तौर पर दर्शकों का कोई न कोई पसंदीदा कैरेक्टर होता है, लेकिन इसमें एक को पसंद कर अगले एपिसोड तक उससे नफरत होने में भी कोई देर नहीं लगती. यही इस सीरीज को खास बनाती है. सभी पसंद आ सकते हैं और सबसे एक साथ नफरत हो सकती है.
स्थानीय बोली का आकर्षण
सबसे अहम बात जिसने दर्शकों के दिमाग को सबसे अच्छे से समझा है, वह है कि इसकी क्षेत्रीयता. किरदारों में होने वाली तनातनी के बीच बोलचाल में आने वाली गाली-गलौच हो या फिर तंज कसना हो, ये इसके डायलॉग्स का सबसे खास हिस्सा है.
हालांकि, ऐसा नहीं है कि हर कोई इसी फूहड़ भाषा में बात करता हो, लेकिन स्थानीय गुंडागर्दी के मामलों में उस क्षेत्र की बोली का, उसी अंदाज में होना बेहद अहम होता है और यही उसे खास बनाता है.
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