बात आज मिर्ज़ापुर (Mirzapur) के उस एपिक सीन की जो इस पूरी सीरीज के लिए गेम चेंजर साबित हुआ था. आपको बता दें कि मुन्ना भईया सीरीज के पहले पार्ट में गुड्डू और बबलू के घर उनके पिता को धमकाने के लिए जाते हैं. इस दौरान उनकी पिटाई हो जाती है. इसके बाद गुड्डू और बबलू को कालीन भईया के घर बुलाया जाता है और उनके ही गैंग में शामिल कर लिया जाता है.
इस पूरे वाकये से मुन्ना भईया बेहद खफ़ा हो जाते हैं और खाना पीना छोड़ देते हैं. जिसके बाद कालीन भईया खुद खाना लेकर मुन्ना के कमरे में जाते हैं और कहते हैं, ‘कल मिर्ज़ापुर तुम्हारा होगा मुन्ना, चाहते हो ना कि जीप पर नेमप्लेट लगे, मुन्ना भईया किंग ऑफ़ मिर्ज़ापुर... बेटा जब शहर चलाओगे ना तो ट्रिगर खुद नहीं दबाओगे, उसके लिए आदमी चाहिए जो तुम्हारे लिए काम करे और ये दोनों करेंगे.’
इसके बाद कालीन भईया कहते हैं, ‘देखो उन्हें पता था कि तुम हमारे सुपुत्र हो...फिर भी डरे तुमसे’. जिस पर मुन्ना भईया कहते हैं, ‘हमें बदला लेना है उनसे पापा’. इसके बाद कालीन भईया उन्हें समझाते हुए कहते हैं, ‘इससे बड़ा बदला क्या होगा, जिन्होंने तुम्हारी बेइज्जती की है वो आने वाले समय में तुम्हारे लिए, तुम्हारे नीचे काम करेंगे..मकबूल की तरह’.
जिसके बाद मुन्ना भईया कहते हैं, ‘मकबूल फैमिली हैं पापा’. जिस पर कालीन भईया कहते हैं, ‘काहे की फैमिली बेटा उसको देखो हो साथ में खाना खाते हुए…??’. यह सुनते ही मुन्ना भईया कहते हैं, ‘लेकिन आप पूछते तो हर बार ही हैं’.जिस पर कालीन भईया कहते हैं, ‘वो इसलिए पूछ लेते हैं क्योंकि वो बराबरी में नहीं बैठेगा. हम पूछ कर उसका मान बढ़ाते हैं और मना करके हमारा.’
इस बात पर मुन्ना भईया भड़कते हुए कहते हैं, ‘फिर इन्हें (गुड्डू और बबलू) काहे बैठा लिए…??’. जिस पर कालीन भईया कहते हैं, ‘बैठाए नहीं हैं, इज्ज़त दिए हैं, जब आदमी को इज्ज़त की उम्मीद ना हो और मिल जाए ना तो लॉयलिटी दस गुना बढ़ जाती है.याद रखो मुन्ना ये लोग फैमिली नहीं बनते सिर्फ वफादार बनते हैं, मकबूल नहीं हैं हमारी फैमिली... तुम हो !!!’