दिग्गज अभिनेत्री मौसमी चटर्जी ने अपने अलग अलग किरदारों के जरिए हिंदी और बंगाली सिनेमा में पहचान बनाई. चटर्जी ने 1967 में बंगाली हिट 'बालिका बधू' से फिल्मी करियर की शुरुआत की और 1972 में 'अनुराग' के साथ हिंदी सिनेमा में हीरोइन के रूप में डेब्यू किया.


वह कोलकाता में पैदा हुईं और वहीं पली-बढ़ीं हैं. उन्होंने 'अंगूर', 'मंज़िल' और 'रोटी कपडा और मकान' जैसी फ़िल्मों में नज़र भी काम किया हैं. उन्होंने राजेश खन्ना, शशि कपूर, जीतेन्द्र, संजीव कुमार और विनोद मेहरा जैसे उम्दा अभिनेताओं के साथ स्क्रीन साझा किया है.



मौसमी चटर्जी हिंदी फिल्मों में छठी सबसे ज्यादा पेमेंट पाने वाली अभिनेत्री थीं. चटर्जी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में 2 जनवरी 2019 को शामिल हुईं. उनके पिता प्रांताश चट्टोपाध्याय भारतीय सेना में थे और उनके दादा एक न्यायाधीश थे.


उन्होंने निर्माता जयंत मुखर्जी से शादी की. दंपति की दो बेटियां हैं- पायल और मेघा. उन्होंने शादी के बाद ही हिंदी फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया.


मौसमी चटर्जी के बारे में बहुत कम लोगों को ये मालूम होगा कि वह कई इमोशनल सीन्स को सहजता से करती थीं और इसके लिए उन्होंने ग्लिसरीन का इस्तेमाल भी नहीं किया था. एक इंटरव्यू में मौसमी ने कहा कि वह ग्लिसरीन के बिना सीन्स में रोती थी क्योंकि वह हमेशा कहानी में गहराई से डूब जाया करती थीं.


यहां पढ़ें


हिमेश रेशमिया की पत्नी सोनिया कपूर ने सीरियल 'श्री कृष्णा' में निभाया था ये खास किरदार


कोरोना से ठीक होने के बाद सिंगर कनिका कपूर की सफाई, कहा - ठीक थी तभी पार्टियों में गई