Asur Review: सस्पेंस से भरपूर है वेब सीरीज 'असुर', साइंस और धर्म के बीच फंसी है कहानी
Asur Review: अरशद वारसी और बरुन सोबती स्टारर वेब सीरीज 'असुर' दर्शकों के बीच आ चुकी है. वूट सेलेक्ट पर रिलीज हुई ये सीरीज अगर आपने अभी तक ये वेब सीरीज नहीं देखी है औऱ देखने का मन बना रहे हैं तो पहले यहां पढ़ें इसका रिव्यू...
अरशद वारसी इन दिनों अपनी नई वेब सीरीज 'असुर' को लेकर सुर्खियों में हैं. वूट सेलेक्ट पर रिलीज हुई इस वेब सीरीज में अरशद वारसी के साथ एक्टर बरुन सोबती, अनुप्रिया गोइंका, शारीब हाशमी मुख्य भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं. इस सीरीज का निर्देशन ओनी सेन ने किया है. इससे पहले ओनी 500 से भी अधिक विज्ञापनों का निर्देशन कर चुके हैं. इस वेब सीरीज में साइंस और माइथोलॉजी को मिलाकर एक ऐसी कहानी दिखाने की कोशिश की गई है जिसे पर्दे पर देखना दर्शकों के लिए यकीनन काफी मजेदार साबित होगा. ये सीरीज एक सस्पेंस थ्रिलर है जिसमें लॉजिक और मान्यता दोनों ही एक साथ आगे बढ़ते हैं.
हिंदू धर्म में असुरों को एक खास जगह प्राप्त है. इस सीरीज में भी असुरों की उत्पत्ति से लेकर उनके अस्तित्व की कहानी बयां करने की कोशिश की गई है. ये कहानी साइंस और धर्म के बीच के संबंध को बयां करती है. इसमें जहां एक ओर विज्ञान सही लगने लगता है तो दूसरी ओर धर्म. लेकिन अंत तक आते-आते आपको ये समझ आने लगेगा कि असल में सही और गलत तो कुछ होता ही नहीं है. सही मायनो में ये एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. जिसे हर कोई अपनी जरूरत के हिसाब से सही मानने लगता है.
क्या है कहानी?
ये कहानी फॉरेंसिक एक्सपर्ट निखिल (बरुन सोबती), सीबीआई ऑफिसर धनंजय राजपूत (अरशद वारसी) और एक ऐसा किरदार जो खुद को असुर मान बैठा है. इस सीरीज में असुर एक ऐसा शख्स है जिसे प्रकृति का एक ऐसा वरदान प्राप्त है जिससे वो किसी भी चीज को कुछ ही पलों में सीख सकता है और याद कर सकता है. वहीं निखिल और अरशद के बीच अपने काम के चलते कुछ दूरियां हैं. सीरीज में नुसरत (रिधि डोगरा) भी एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट के किरदार में हैं.
'असुर' जो कि भूतकाल में हुई कुछ घटनाओं के चलते निखिल और धनंजय से जुड़ा हुआ है. उनसे संपर्क करने की कोशिश करता है. जहां वो निखिल को अपना दोस्त समझता है तो वहीं धनंजय को अपना दुश्मन. लेकिन खास बात ये है कि दोनों इस बात से अंजान हैं. ऐसे में असुर इन दोनों को अपने पास बुलाने का एक ऐसा प्लान बनाता है कि जिसमें सभी उलझ के रह जाते हैं. इसके बाद शुरू होता है सीरियल किलिंग का एक खौफनाक सिलसिला. अब ये सीरियल किलर कौन है और उसका कहानी के इन तीनों ही मुख्य किरदारों से क्या रिश्ता है इसके लिए आपको खुद ही इस सीरीज को देखना होगा.
निर्देशन
ओनी सेन ने बतौर निर्देशक इस सीरीज में उम्दा काम किया है. अगर हम अब तक बनी सस्पेंस थ्रिलर वेब सीरीज की बात करें तो ये सीरीज अपनी एक खास जगह बना पाने में कामयाब रही है. बतौर निर्देशक ओनी ने कहानी की जटिलताओं और इसके किरदारों को एक दूसरे से बेहद अच्छे तरीके से जोड़ा है. सस्पेंस थ्रिलर फिल्में हो या वेब सीरीज इसमें निर्देशक के सामने सबसे बड़ा चैलेंज दर्शकों को अंत तक बांधे रखना होता है और इसमें ओनी पूरी तरह पास होते दिख रहे हैं.
एक्टिंग
एक्टिंग की बात करें तो यूं तो सीरीज में सभी कलाकारों ने अच्छा काम किया है. लेकिन अगर हम इस सीरीज के हीरो की बात करें तो बरुन सोबती इसकी जान हैं. बरुन ने अपने किरदार को शानदार तरीके से प्ले किया है. बरुन के किरदार में कई लेयर्स रखी गई हैं और वो अपने किरदार की इन सभी कमियों और खासियतों को अपने अभिनय के जरिए दर्शकों तक पहुंचाने में कामयाब दिख रहे हैं. वहीं, अरशद वारसी भी अपने किरदार के साथ न्याय करते दिखे हैं.
क्यों देखें ये सीरीज?
- हिंदी भाषा की बात करें तो इस क्षेत्र में सस्पेंस थ्रिलर सीरीज और फिल्में कम ही बनती हैं. लेकिन अगर आपको ये जॉनर पसंद है तो ये सीरीज आपके लिए है.
- शुरू से लेकर अंत तक कहानी आपको बांधे रखती है और यकीनन इसका अंत आपकी उम्मीदों से एक दम परे होगा और वो आपको चौंका कर रख देगा.
- अरशद वारसी और बरुन सोबती की परफॉर्मेंस लाजवाब है. इन दोनों ही कलाकारों को एक साथ स्क्रीन पर देखने का मौका आपको बिल्कुल नहीं गंवाना चाहिए.
- आज के दौर में धर्म और सही-गलत की छिड़ी बहस के बीच ये कहानी कहीं न कहीं आपको कुछ सवालों के जवाब जरूर देती दिखेगी.