Bhaag Beanie Bhaag Review: दशकों पहले सिनेमा के पर्दे पर हीरो-हीरोइन शादी करने के लिए घर से भागा करते थे. मगर हिंदी मनोरंजन जगत की कहानियों में बीते कई साल से जवान नायक-नायिका शादी के मंडप छोड़-छोड़ कर भाग रहे हैं. ये लोग अक्सर परिवार, माता-पिता, जिम्मेदारी और खुद से भागते हैं. यह भागना रुक नहीं रहा है. अब नेटफ्लिक्स पर नई वेब सीरीज आई है, भाग बीनी भाग. 30 साल की होने आ रही बीनी भटनागर (स्वरा भास्कर) भी इन्हीं तमाम कारणों से भागी है.
उसके पास माता-पिता हैं, नौकरी है, बैंक बैलेंस है और रईस प्रेमी भी है. यह जरूर है कि बीनी शादी के मंडप से नहीं बल्कि, थोड़ा पहले रोका की रस्म से भागी है. वजह, उसे स्टैंडअप कॉमेडियन बनना है. उसे यह भी लग रहा है कि उसके माता-पिता और होने वाला पति उर्फ प्रेमी उसे समझ नहीं पा रहे. वे ओल्ड फैशन हैं. वे उसे चमचमाती दीवारों में कैद करके बस मां बनते देखना चाहते हैं. ऐसा हुआ तो बीनी की जिंदगी एक ट्रेजडी में बदल जाएगी.
छह कड़ियों की यह वेबसीरीज रोमांस-ड्रामा-कॉमेडी के चालू मुहारवों के बावजूद बोर नहीं करती. स्टैंड अप कॉमेडी महानगरों के युवओं में पनपता नया क्रेज और करिअर है. यह वेबसीरीज स्टैंड अप कॉमेडियन बनने की रैसिपी जैसी है. अगर आप इसमें करिअर बनाना चाहते हैं तो जरूर देखें.
हाजिर जवाबी और डायरी में नोट्स बना-बना कर फनी ज्ञान गढ़ने के नुस्खे मिलेंगे. कैसे अपनी सेक्स लाइफ पर जोक्स बनाना. कैसे अपने परिवार, अड़ोस-पड़ोस और बड़े-बुजुर्गों की हंसी उड़ाना. धर्म, राजनीति, जाति पर टिप्पणियां करना. यह स्टैंड अप कॉमेडी के फेवरेट विषय हैं. उज्ज्वल भविष्य की कोई कीमत नहीं होती, इसलिए स्टैंड अप कॉमेडियन बनने के लिए किया गया बड़े से बड़ा त्याग छोटा ही समझें.
अगर आपके बच्चे नई पीढ़ी के और आप पुरानी पीढ़ी के हैं तो यह सीरीज एक फ्रेंडली थैरेपिस्ट है. यह बताती है कि गुजरी पीढ़ी में हमेशा नई पीढ़ी को समझने की अक्ल कम रहती है. बदलते वक्त के साथ लोग पुराने हो जाते हैं और अपने बच्चों की लाइफ चॉइस उनकी समझ के बाहर हो जाती है. जबकि अगली पीढ़ी को समझना पुरानी पीढ़ी का फर्ज बनता है.
असल जिंदगी में चाहे जो होता हो, मनोरंजनक कहानियों में जरूर सब कुछ बिखरने के बावजूद अंत में ढर्रे पर आ जाता है. भगोड़ी बीनी भटनागर की लाइफ भी लास्ट में सैट हो जाती है. जिन-जिन को छोड़ कर वह भागती है, वे सब आखिर में उसके पास आ जाते हैं और उसे अपना लेते हैं.
भाग बीनी भाग करीब आधे-आधे घंटे की छह कड़ियों की सीरीज है. शुरुआत में यह धीमी गति से चलती है. बीनी के जिंदगी के भटकावों के साथ यह भी भटकती रहती है लेकिन अंत में पटरी पर लौट आती है. लेखक-निर्देशक जब इस सीरीज को शुरू करते हैं तो लगता है कि वे अंग्रजी कॉमेडी फिल्मों और सिटकॉम्स के जबर्दस्त प्रभाव में हैं. ऐक्टर तक उसी अंदाज में डायलॉग बोलते हैं और अंग्रेजों जैसी ऐक्टिंग करते हैं. करीब आधी सीरीज तक यही स्थिति रहती है. जब लगने लगता है कि हिंदुस्तानी दर्शकों के लिए बात बनती नहीं दिख रही तो बीनी की दुनिया करवट बदलती है और कहानी-डायलॉग से लेकर ऐक्टिंग तक बॉलीवुड अंदाज का हो जाता है. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि अंत भला तो सब भला.
कोई खास, नई या अनूठी बात न होने के बावजूद बीनी का किरदार अच्छे ढंग से निखर कर आया है. वास्तव में स्वरा ने इसे बढ़िया ढंग से निभाया है. बीनी उनके रसभरी वाले किरदार का दूसरा छोर है. यहां उनका अभिनय और चेहरे के हाव अब तक की फिल्मों और वेबसीरीजों से अलग हैं. इस लिहाज से उनके चेहरे और बॉडी लैंग्वेज में ताजगी नजर आती है. भाग बीनी भाग में पहली बार स्टैंड अप कॉमेडी की दुनिया/बाजार की कुछ विश्वसनीय झलकियां दिखती हैं. रवि पटेल, वरुण ठाकुर, डॉली सिंह, गिरीश कुलकर्णी और मोना अंबेगांवकर भी अपनी भूमिकाओं से इस कहानी को मजबूत बनाते हैं.
अमेरिकी-भारतीय के रोल में रवि पटेल का ट्रेक रोचक है, जबकि गिरीश कुलकर्णी हमेशा की तरह यहां भी अभिनय की चमक छोड़ते हैं. स्टैंड अप की दुनिया भारतीय दर्शकों के लिए कमोबेश नई है. इसकी कॉमेडी जिंदगी के नजदीक है, जिसमें लोग अपना अक्स देख सकते हैं. मनोरंजन जगत के लेखक इस दुनिया से दर्शकों को बांधने वाली नई कहानियां ला सकते हैं. भाग बीनी भाग में इसकी हल्की झलक दिखती है. इसी साल स्टैंड अप कॉमेडियनों के मुख्य पात्रों वाली हंसमुख नेटफ्लिक्स पर और कॉमडी कपल जी5 पर आ चुकी. हंसमुख जहां क्राइम थ्रिलर थी वहीं कॉमेडी कपल में रोमांस पर जोर था. इस लिहाज से भाग बीनी भाग स्टैंड अप की दुनिया के अधिक नजदीक है.