Fabulous Lives Of Bollywood Wives Review: नेपोटिज्म का नया नमूना, बॉलीवुड ऐक्टरों की बीवियों का बनावटी महिमा मंडन
करन जौहर नेपोटिज्म का दूसरा नाम हैं. अब तक वह स्टार किड्स को लॉन्च और प्रमोट करते रहे मगर इसकी तीखी आलोचना के बाद धन-कुबेर ऐक्टरों की पत्नियों की ब्रांडिंग में लग गए हैं. अपना कॉफी शो विवादों में घिरने के बाद करन ओटीटी पर बॉलीवुड का हाई-फाई-हवाई संसार लाए हैं. जिसकी जड़े जमीन में नहीं उतरतीं.
धर्मेटिक एंटरटेनमेंट
महीप कपूर, नीलम कोठारी, भावना पांडे, सीमा खान, गौरी खान
पर्दे पर ही नहीं, पर्दे के पीछे भी बॉलीवुड नकली है. यहां रिश्ते अजीब होते हैं और दोस्ती मतलब की होती है. ऐसे में निर्माता करन जौहर चार ऐक्टरों की पत्नियों की जिंदगी को वेबसीरीज के रूप के लाए हैं. नेटफ्लिक्स पर फेब्युलस लाइव्स ऑफ बॉलीवुड वाइव्स का पहला सीजन संजय कपूर, चंकी पांडे, सोहेल खान और समीर सोनी की पत्नियों की जिंदगी पर आधारित है. महीप कपूर, भावना पांडे, सीमा खान और नीलम कोठारी की दोस्ती करीब 25 बरस पुरानी है. दोस्ती के इस बंधन ने बसंत और पतझड़ देखे हैं. तमाम उतार-चढ़ाव के बाद भी उनका दोस्ताना कायम है. इनके पति कभी बॉलीवुड के बड़े सितारे नहीं रहे और दर्जनों नाकाम फिल्में उनके नाम दर्ज हैं. फ्लॉप फिल्म स्टार पतियों को संभालना भी इस बीवियों की बातचीत का विषय है.
सवाल है कि क्या यह सीरीज इन ऐक्टर-पत्नियों की जिंदगियों को गहराई से दिखाती है. जवाब है, नहीं. अंतिम और आठवीं कड़ी में शाहरुख और गौरी खान द्वारा दी गई पार्टी के एपिसोड के अलावा बाकी सात कड़ियां स्क्रिप्टेड और प्रायोजित मालूम पड़ती हैं. निर्माता करन जौहर इक्का-दुक्का जगह बगैर कॉफी मग के इनकी जिंदगी और दोस्ती में तड़का लगाने की कोशिश करते हैं. करन की कंपनी धर्मेटिक एंटरटेनमेंट ने वेबसीरीज बनाई है. अधिकतर जगहों पर कंपनी इन ऐक्टर-पत्नियों को मार्केट में प्रमोट करने की कोशिश करती है. नीलम कोठारी और महीप कपूर जहां गहने डिजाइन करती हैं, वहीं सोहेल खान की पत्नी सीमा ड्रेस-स्टाइलिस्ट के रूप में अपने ब्रांड का यहां प्रचार करती हैं. अंत में गौरी खान डिजाइन्स की पार्टी का करीब पौन घंटे का एपिसोड किसी बड़े विज्ञापन की तरह है.
करन जौहर बॉलीवुड में नेपोटिज्म का सबसे बड़ा चेहरा हैं. अभी तक वह स्टार पुत्र-पुत्रियों को लॉन्च और प्रमोट करते रहे मगर इस सीरीज में वह बाजार में पत्नियों की ब्रांडिंग तथा घर बैठ चुके उनके पतियों को प्रमोट करने के मिशन पर हैं. यह समाज का वह उच्च-सेलेब्रिटी वर्ग है, जिसके पास सब कुछ है. लेकिन अपनी स्थिति का फायदा उठा कर वह और पैर पसारना चाहता है. करन यह जानते हैं और उन्होंने इन सेलेब-परिवारों को नेपोटिज्म के हक में खड़े दिखाया है. एक अकेली नीलम कहती हैं कि उनका बस चला तो वह बेटी को बॉलीवुड में अभिनेत्री नहीं बनाना चाहेंगी. जबकि बाकी सब भाई-भतीजावाद की बेझिझक वकालत करते हैं.
यह वेबसीरीज दर्शक-केंद्रित नहीं बल्कि बाजार-केंद्रित है. इसमें दर्शकों के मनोरंजन के लिए कुछ खास नहीं है. यहां ऐसे झरोखे नहीं खुलते जो आपको ऐक्टर-पत्नियों की जिंदगी की असली झलक दें. यहां उनके बनावटी ग्लैमर को महिमामंडित करने के साथ दोहा (कतर) में टूरिज्म को प्रमोट करते दो एपिसोड बनाए गए हैं. कतर नेशनल टूरिज्म काउंसिल और कतर एयरवेज को करन ने उनकी मेहमांनवाजी के लिए खास धन्यवाद भी दिया है.
यहां महीप कपूर, नीलम कोठारी, भावना पांडे और सीमा खान बताने की कोशिश करती हैं कि उनकी जिंदगी आम महिलाओं की तरह है, जो परिवार-बच्चों के लिए चिंतित रहती हैं. सामाजिक सरोकार के रूप में वह माहीम (मुंबई) बीच की सफाई के अभियान मे हिस्सा लेती हैं. साधारण गृहिणी की तरह कुकीज बनाना सीखती हैं. उम्र के चालीसवें-पचासवें पड़ावों के बीच खड़ी इन अभिनेता-पत्नियों की बातों में बच्चों के जीवन तथा करिअर की चिंताओं के साथ चेहरे की झुर्रियों की आशंकाएं भी यहां दर्ज हैं. मात्र 15 साल की उम्र में फिल्मी करिअर शुरू करने वाली नीलम जहां बोटोक्स के इंजेक्शन से चेहरे की चमक लौटाने की कोशिश में हैं तो चंकी पांडे की पत्नी भावना आध्यात्मिक गुरु की मदद से चेहरे का तेज पाने में लगी हैं.
बॉलीवुड वाइव्स की जिंदगी में नीलम का ट्रेक इस लिहाज से अलग है कि वह फिल्मों में कमबैक को लेकर असमंजस में हैं. उन्हें लगातार ऑफर मिल रहे हैं और बॉलीवुड के बदले मिजाज का जायजा लेने के लिए वह एकता कपूर और रवीना टंडन तक से सलाह-मशिवरा करती हैं. पति-बच्चों से अलग अपने मी-टाइम में दोहा की सैर करने वाली चारों ऐक्टर-पत्नियां अपने व्यक्तित्व से इस सीरीज में कोई प्रभाव नहीं छोड़तीं. सात कड़ियों में जहां इनकी जिंदगी और दोस्ती है, वहीं आठवीं कड़ी गौरी खान को समर्पित कर दी गई है. चारों चापलूसी की हद तक गौरी का गुणगान करती हैं. शुरू से अंत तक अलग-अलग कड़ियों में आपको अर्जुन कपूर, जाह्नवी कपूर, मलाइक अरोड़ा से लेकर शाहरुख खान तक मेहमान पात्र जैसे नजर आते हैं. कुल मिलाकर इन ऐक्टर-पत्नियों के हाई-फाई-हवाई जीवन की झलक आपके जीवन और जानकारियों में कुछ नया नहीं जोड़ती. न ही संवेदना के स्तर पर इनसे किसी तरह का जुड़ाव ही महसूस हो पाता है.