(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Hi Nanna Review: आंखों में आंसू दिल को सुकून एक साथ दे जाएगी और चुपके से कुछ कह जाएगी ये फिल्म, जानें- कैसी है 'हाय नन्ना'
Hi Papa Movie Review: ये फिल्म एक मास्टरपीस है. जिसे देखते समय आप इमोशन्स की दुनिया में बस बहते चले जाएंगे. फिल्म बेशक रुलाएगी, लेकिन सुकून भी देगी. ठहर के सोचने के लिए कहेगी.
Hi Papa Review: नेटफ्लिक्स पर तेलुगु फिल्म 'हाय नन्ना' का हिंदी वर्जन 'हाय पापा' रिलीज हो चुका है. फिल्म थिएटर्स में 7 दिसंबर को रिलीज हुई थी. दर्शकों को फिल्म के ओटीटी रिलीज का इंतजार था जो अब पूरा हो चुका है.
अगर आप इस फिल्म को ओटीटी पर देखने का मन बना रहे हैं, तो आपके लिए फिल्म से जुड़ी कुछ खास बातें लेकर आए हैं. फिल्म देखने से पहले इन्हें जान लीजिए.
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कहानी: ये फिल्म विराज (नानि) और वर्षा (मृणाल) के प्यार की कहानी है. आर्थिक परेशानियों और लव मैरिज के बीच परिवार और जुड़ाव की कहानी है. विराज एक फोटोग्राफर है जो अपनी बेटी माही (कियारा खन्ना) और कुत्ते (प्लूटो) के साथ रह रहा है. माही बीमार है. पापा विराज उसे जिंदा रखने के लिए जद्दोजहद में जुटे हैं. ऐसे में उनकी जिंदगी में वर्षा आती है जिसके साथ मिलकर माही अपनी मां के बारे में पूछने की जिद करती है. फिर शुरू होती है प्यार पाने, प्यार खोने, बलिदान, संघर्ष और फिर से प्यार पाने की कहानी. बाकी फिल्म देखेंगे तो सारी परतें खुलती जाएंगी.
कैसी है फिल्म?
जिस दौर में एक्शन फिल्में चल रही हों, उस दौर में ऐसी रोमांटिक फिल्म का आना और उसका दिलों को छू जाने वाला कंटेंट भी होना. ये बड़ी बात है. ये फिल्म अगर मास्टरपीस कही जाए तो गलत नहीं होगा.
- फिल्म में इमोशन्स, त्याग और प्यार सब कुछ ऐसे दिखाया गया है कि आप फिल्म को बीच में छोड़कर तो नहीं उठेंगें. आप इमोशनल हैं तो आंखों में आंसू जरूर आ जाएंगे.
- फिल्म मास्टरपीस है, जो कहानी को ऐसे दिखाती है कि आपका इंट्रेस्ट बना रहता है. कुछ भी ऐसा नहीं है जो आप पहले से प्रेडिक्ट न कर पाएं, लेकिन फिर भी आप आगे क्या होगा? क्या माही बच पाएगी और क्या विराज को उसका प्यार मिलेगा? ऐसे सवालों के जाल में फंसे रहेंगे.
- फिल्म का बड़ा प्लस पॉइंट इसका म्यूजिक और गाने हैं, जो फिल्म की कहानी के साथ थोड़ी-थोड़ी देर में आते रहते हैं और फिल्म में इमोशन्स का तड़का लगाते रहते हैं.
- अगर आपने 'कुछ कुछ होता है' देखी है तो इस फिल्म का क्लाइमैक्स उसकी याद दिलाएगा. फिल्म बीच-बीच में भट्ट कैंप की रोमांटिक फिल्मों से भी प्रेरित लगती है.
- फिल्म एक्टिंग के लिहाज से भी एक मास्टरपीस है. नानि ने अपने किरगार के अलग-अलग पहलुओं को बहुत ही संजीदगी से निभाया है. वो मजबूर पिता और प्यार में डूबे आशिक, दोनों के तौर पर बढ़िया काम कर गए हैं.
- फिल्म की जान मृणाल ठाकुर और और कियारा खन्ना हैं. दोनों मां-बेटी के किरदारों में क्यूट और स्वीट लगती हैं. उन्हें रोना देखकर आपकी आंखों में भी आंसू आ सकते हैं. उनके अलावा अंगद बेदी सहित दूसरे एक्टर्स ने ठीक काम किया है.
- अंत में फिल्म के डायरेक्टर शौर्युव के लिए ताली बजाने का मने जरूर करेगा जिन्होंने बहुत आम कहानी को जिसे पहले भी आप देख चुके होंगे, उसे इतने बेहतरीन ढंग से पर्दे पर उतारा है.