फिल्म - होटल मुंबई
निर्देशक - एन्थोनी मारस
स्टारकास्ट - अनुपम खेर, देव पटेल, विपिन शर्मा
रेटिंग - 3.5 (***1/2 )
आप अपने परिवार के साथ होटल में जश्न मनाने गए हों और अचानक आपको पता चले कि जहां आप हैं, वहां एक आतंकी हमला हो गया है. इस स्थिति में आप क्या करेंगे? फिल्म 'होटल मुंबई' आपको उसी डर से अवगत कराती है. आज से करीब 11 साल पहले मुंबई के ताज होटल में 26 नवंबर को दिल दहलाने वाला आतंकी हमला हुआ था. उस आतंकी हमले ने पूरे देश के साथ-साथ दुनिया को हिलाकर रख दिया था.
इस आतंकी हमले पर इससे पहले भी फिल्में और डॉक्यूमेंट्री बनीं हैं. लेकिन होटल मुंबई उन सब से अलग है और इसका कारण इस घटना को एक अलग नजर से देखना है. अब तक जितनी भी फिल्में बनी हैं उनमें ज्यादातर आतंकियों की प्लानिंग और उनसे आर्म्स फोर्सेस की भिड़ंत को अहमियत दी गई है. लेकिन इस फिल्म में ताज होटल के बाहर की नहीं बल्कि इसके अंदर की कहानी को बयां करने की कोशिश की गई है. फिल्म की कहानी को असल जीवन के तथ्यों से लेकर बुना गया है ऐसे में इस पर ज्यादा सवाल नहीं उठाए जा सकते. लेकिन कहानी को बेहद खूबसूरती से बुना गया है.
कहानी
फिल्म की कहानी समुद्र के रास्ते गेटवे ऑफ इंडिया पर पहुंचे आतंकियों से शुरू होती है. हथियारों से लेस 10 आतंकवादी मुंबई में घुसे और आधे-आधे घंटे के भीतर एक के बाद एक कई जगहों पर हमला किया. इसमें सबसे बड़ा हमला था मुंबई का ताज होटल. इस होटल में हमला करने के लिए 4 आतंकवादी एक साथ घुसे और होटल को श्मशान में तब्दील कर दिया.
आतंकियों के होटल में घुसने की बात स्टाफ को कुछ ही मिनटों में पता चल गई थी. लेकिन हथियारों से लैस आतंकियों से निपटने के लिए उनके पास कोई उपाय नहीं था. जिस समय आतंकी हमला हुआ होटल में कई वीआईपी मेहमान मौजूद थे, ऐसे में होटल के स्टाफ के लिए अपने मेहमानों को सुरक्षित होटल से बाहर निकालना और अपनी जान बचाना बड़ा चैलेंज था.
इन स्थितियों में भी होटल के स्टाफ ने अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ा और कई मेहमानों को बचाए रखा. फिल्म में अनुपम खेर जो कि होटल के हेड शेफ हैं और देव पटेल जो कि सर्वेंट हैं, दोनों ने ही अहम भूमिका निभाई है. आतंकी होटल में करीब 12 घंटों से भी ज्यादा समय तक मौजूद रहे थे. इतने लंबे वक्त तक आतंकियों की नजर से बचे रहना और मेहमानों को बचाए रखने के लिए होटल के स्टाफ ने अपनी जान तक दांव पर लगा दी थी.
एक्टिंग
फिल्म में सभी ने कलाकारों ने जबरदस्त एक्टिंग की है. अनुपम खेर से लेकर देव पटेल और इसके सपोर्टिंग स्टाफ सभी ने उस रात के आतंक को पर्दे पर एक बार फिर जीवंत कर दिया. फिल्म में लिए गए कलाकारों का चयन बेहतरीन तरीके से किया गया है.
निर्देशन
निर्देशक एन्थोनी मारस ने उस रात के उस खौफनाक मंजर को बेहद शानदार तरीके से पर्दे पर दिखाया है. फिल्म में एक-एक डिटेलिंग पर काम किया गया है. होटल की आलीशान मेहमान नवाजी से लेकर इसका स्टाफ और हमले की रात के मंजर को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है. एन्थोनी के निर्देशन की एक और खास बात ये रही कि उन्होंने फिल्म को काफी बैलेंस्ड रखा है. इसमें किसी को हीरो बनाने की कोशिश की नहीं की गई है. इसका एक कारण इसका सच्ची घटनाओं से प्रेरित होना भी है.
रिव्यू
सच्ची घटनाओं पर बनी फिल्मों के हिसाब से इस फिल्म को बेहतरीन तरीके से एक कहानी की तरह पेश किया है. निर्देशन, कहानी, स्क्रिप्ट और डायलॉग सभी को काफी पावरपैक रखा गया है. इसमें बेकार की डायलॉग बाजी ये देशभक्ति दिखाने की कोशिश नहीं की गई है. फिल्म को देखते हुए दर्शक एक बार फिर 26/11 के दर्द और आतंक को महसूस कर पाएंगे. साथ ही आतंकियों के वेहशियाना व्यवहार को भी दिखाने की कोशिश की गई है.
क्यों देखें
- 26/11 आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया था. ऐसे में सभी को इस हमले के पीछे की कहानी जिज्ञासा रहती है.
- अगर आप इस वीकेंड कुछ इन्फॉर्मेटिव देखना चाहते हैं तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं. हिंदी सिनेमा में ऐसी फिल्में कम ही बनती हैं.
- यदि आप संजीदा फिल्मों और असल जीवन की घटनाओं से प्रेरित फिल्में देखना चाहते हैं तो ये आपके लिए हैं. इसमें आपको एक्टिंग और दमदार कहानी दोनों देखने को मिलेंगी.