एक्सप्लोरर

Lootcase Review: कॉमेडी नहीं, कीमती समय लूटती है यह फिल्म

लूटकेस हंसाने की कोशिश में बार-बार असफल होती है. कुणाल केमू के करिअर को इस फिल्म से कोई फायदा नहीं होगा. निर्देशक ने विजय राज, गजराज राव और रणवीर शौरी जैसे एक्टर्स को यहां बेकार कर दिया.

जिंदगी को ड्यूटी समझने वाले आम आदमी की जिंदगी में सिर्फ पाली बदलती है. कभी वह दिन में काम करता है, कभी रात में. मगर पाली बदलने वाले इस काम से उसकी किस्मत नहीं बदलती. मुंबई में एक अखबार सावधान टाइम्स में मशीनमैन की नौकरी करने वाले नंदन कुमार (कुणाल केमू) को यही महसूस होता है. एक रात प्रेस से घर लौटते हुए उसे नोटों से भरा सूटकेस मिलता है, तो लगता है कि अब किस्मत बदल गई. मगर यह मुफ्त का चंदन है, आखिर नंदन कब इसे घिस कर अपने माथे पर तिलक लगाता रहेगा.

डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हुई लूटकेस इसी काले धन की कहानी है. जिसे कॉमिक अंदाज में कहने की कोशिश है. अपराधियों और नेताओं के गठबंधन की गांठ का इतना रुपया इस सूटकेस में है कि आम आदमी पूरे जीवन में नहीं कमा सकता. जब कमा नहीं सकता तो फिर मुफ्त में मिले धन को पचा कैसे सकता है. नंदन कुमार के घर का हाल यह है कि जब-तब शक्कर खत्म हो जाती है. दस साल से उसकी बीवी लता (रसिका दुग्गल) शिमला घूमना चाहती है परंतु शिमला के नाम पर उसने मिर्च के सिवा कुछ नहीं देखा. छुट्टियों में बच्चे का वाटर पार्क कैंसल कर नहीं सकते. लता पति को समझाती है कि कुछ एक्स्ट्रा काम करो और मुझे भी अचार-पापड़ का बिजनेस करने दो. चार पैसे ऊपर आएंगे तो गृहस्थी की गाड़ी पटरी पर बनी रहेगी. इन बातों के बीच मिला सूटकेस नंदन की मुश्किलें हल नहीं कर पाता. पैसा कमाने में जितनी सामर्थ्य नहीं लगती, उससे ज्यादा ताकत शायद उसे खर्च करने में लगती है. और एक लोअर मिडिल क्लास आदमी कितने रुपये खर्च कर सकता है. सूटकेट में पैसा पाटिल (गजराज राव) का है, जो मिनिस्टर है. वह इसे वापस पाने के लिए अंडरवर्ल्ड से लेकर पुलिस (रणवीर शौरी) तक को खोजबीन में लगा देता है.

फिल्म इसी पैसे की तलाश और नंदन द्वारा उसे पत्नी समेत सबसे छुपाने और थोड़ा-थोड़ा खर्च करने की कोशिशों के बीच घूमती है. यहां खास तौर पर कुणाल के दृश्य एकरसता से भरे हैं. जल्द ही वे उबाने लगते हैं. लेखक-निर्देशक ने कुणाल के इन एकांत-दृश्यों से कॉमेडी पैदा करने की नाकाम कोशिश की है. कुणाल के कुछ कॉमिक दृश्य तो तर्क से परे बेसिर-पैस के मालूम पड़ते हैं. कहानी में रोचक घटनाओं का अभाव है और दो घंटे से अधिक लंबी यह फिल्म काफी देर तक एक जगह ठहरी मालूम पड़ती है. रणवीर शौरी की एंट्री से जरूर कुछ हलचल होती है परंतु उससे फिल्म की रफ्तार नहीं बढ़ती. कहानी में किरदार एक-दूसरे से दूर-दूर और इतने बिखरे हैं कि कॉमेडी के मौके ही नहीं बन पाते. कॉमेडी टीम वर्क है और लूटकेस में कोई ऐसी टीम ही नहीं है, जो आपको हंसा सके. फिल्म देखते हुए कुछ जगहों पर लगता है कि इसमें वक्त लगाने से बेहतर है कि अचार-पापड़ का बिजनेस किया जाए. फिल्म में एक भी दृश्य ऐसा नहीं है कि आप ठहाका लगा दें. गुदगुदा जाएं.

अंडरवर्ल्ड डॉन बाला बने विजय राज और उनके गुर्गों के बीच जरूर कॉमेडी पैदा करने की कोशिश लेखक-निर्देशक ने की. परंतु सफल नहीं हुए. जबकि विजय राज का ट्रेक आकर्षक बन सकता था. बाला नेशनल जियोग्राफी चैनल का शौकीन है और वह गुर्गों को समझाता है कि प्रकृति और जानवरों से रणनीतियां बनाना सीखो क्योंकि यह दुनिया भी जंगल है. जब गुर्गे उसकी बात समझ नहीं पाते तो वह हर बार उनसे कहता कि अभी तक नेशनल जियोग्राफी का सब्सक्रिप्शन क्यों नहीं लिया. राजेश कृष्णन ने ऐक्टरों की टीम तो अच्छी बनाई परंतु उनके लायक स्क्रिप्ट तैयार नहीं कर सके. बतौर अभिनेता कुणाल केमू की पहले ही कोई खास पहचान नहीं है. फिर ऐसी फिल्में उनके करिअर का कुछ भला नहीं कर सकतीं. जबकि रणवीर शौरी, विजय राज और गजराज राव जैसे शानदार ऐक्टर यहां बेकार चले गए. फिल्म का अंत कोई नयापन लिए हुए नहीं है. ऐसे क्लाइमेक्स पहले भी फिल्मों में आ चुके हैं. हां, यह जरूर है कि अंतिम बीस मिनट में फिल्म थोड़ा लड़खड़ाते हुए खड़े होने का प्रयास करती है मगर तब तक मजमा लुट चुका होता है. लेखक-निर्देशक फिल्म को नाकाम होने से नहीं बचा पाते. इक्का-दुक्का अच्छे दृश्यों के अलावा इसमें देखने जैसा कुछ खास नहीं है. वैसे, यह ट्रेजडी है कि आप किसी कॉमेडी फिल्म पर हंसें.

और देखें
Advertisement
Advertisement
Fri Mar 28, 6:12 pm
नई दिल्ली
21.5°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 23%   हवा: NW 17.5 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'मिस्टर PM, तमिलनाडु को जरा सावधानी से संभालिए', TVK चीफ विजय ने पीएम मोदी से क्यों कही ये बात?
'मिस्टर PM, तमिलनाडु को जरा सावधानी से संभालिए', TVK चीफ विजय ने पीएम मोदी से क्यों कही ये बात?
दिल्ली HC ने केंद्र के आदेश को किया निरस्त, स्वीडन में रहने वाले भारतीय मूल के प्रोफेसर को राहत
दिल्ली HC ने केंद्र के आदेश को किया निरस्त, स्वीडन में रहने वाले भारतीय मूल के प्रोफेसर को राहत
'भारत की सड़कों पर अब कोई त्योहार नहीं होगा', सड़कों पर ईद की नमाज ना पढ़ने के आदेश पर भड़के मुनव्वर फारूकी
सार्वजनिक सड़कों पर ईद की नमाज ना पढ़ने का आदेश पर भड़के मुनव्वर, जानें क्या कहा
IPL 2025: KKR-LSG मैच की बदली तारीख, BCCI को अचानक लेना पड़ा फैसला; डिटेल में समझें पूरा मामला
KKR-LSG मैच की बदली तारीख, BCCI को अचानक लेना पड़ा फैसला; डिटेल में समझें पूरा मामला
ABP Premium

वीडियोज

Thailand-Myanmar Earthquake : म्यांमार में आई तबाही की वो बातें जिसे जान आप हो जाएंगे हैरान !Sandeep Chaudhary: क्या Hindu -Muslim करने से बेरोजगारी का होगा समाधान ? | ABP News | Seedha SawaalThailand-Myanmar Earthquake : शनि-राहु गोचर से पहले ही ज्योतिषाचार्यों की सच होने लगी बातें !Rana Sanga Controversy : राणा सांगा पर रण से किसका फिट होगा समीकरण? सबसे बड़ी बहस | Mahadangal | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'मिस्टर PM, तमिलनाडु को जरा सावधानी से संभालिए', TVK चीफ विजय ने पीएम मोदी से क्यों कही ये बात?
'मिस्टर PM, तमिलनाडु को जरा सावधानी से संभालिए', TVK चीफ विजय ने पीएम मोदी से क्यों कही ये बात?
दिल्ली HC ने केंद्र के आदेश को किया निरस्त, स्वीडन में रहने वाले भारतीय मूल के प्रोफेसर को राहत
दिल्ली HC ने केंद्र के आदेश को किया निरस्त, स्वीडन में रहने वाले भारतीय मूल के प्रोफेसर को राहत
'भारत की सड़कों पर अब कोई त्योहार नहीं होगा', सड़कों पर ईद की नमाज ना पढ़ने के आदेश पर भड़के मुनव्वर फारूकी
सार्वजनिक सड़कों पर ईद की नमाज ना पढ़ने का आदेश पर भड़के मुनव्वर, जानें क्या कहा
IPL 2025: KKR-LSG मैच की बदली तारीख, BCCI को अचानक लेना पड़ा फैसला; डिटेल में समझें पूरा मामला
KKR-LSG मैच की बदली तारीख, BCCI को अचानक लेना पड़ा फैसला; डिटेल में समझें पूरा मामला
'इंदिरा गांधी भी नहीं बदल पाईं', पाकिस्तान की कट्टर मानसिकता को लेकर संसद में बोले एस जयशंकर
'इंदिरा गांधी भी नहीं बदल पाईं', पाकिस्तान की कट्टर मानसिकता को लेकर संसद में बोले एस जयशंकर
America Ends Terror Of Dread: गद्दाफी से लेकर ओसामा तक, अमेरिका ने खत्म किया इन तमाम खूंखार लोगों का आतंक
गद्दाफी से लेकर ओसामा तक, अमेरिका ने खत्म किया इन तमाम खूंखार लोगों का आतंक
अरे छोड़ दे...आंगनबाड़ी है WWE का अखाड़ा? महिला टीचर्स में भयंकर दंगल देख यूजर्स बोले- 'दोनों को मुर्गी बना दो'
अरे छोड़ दे...आंगनबाड़ी है WWE का अखाड़ा? महिला टीचर्स में भयंकर दंगल देख यूजर्स बोले- 'दोनों को मुर्गी बना दो'
जज के घर कैश कांड: जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हुआ ट्रांसफर, वहां भी नहीं कर सकेंगे न्यायिक कार्य
जज के घर कैश कांड: जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हुआ ट्रांसफर, वहां भी नहीं कर सकेंगे न्यायिक कार्य
Embed widget