बॉलीवुड में कई सितारे हैं जो स्टारडम की चकाचौंध में खोते नहीं हैं और अपने पैर ज़मीं पर रखते हैं. करोड़ों की दौलत होने के बावजूद उन्हें साधारण ज़िंदगी जीना रास आता है. ऐसी ही एक सितारे हैं नाना पाटेकर जो कि इंडस्ट्री में अपने काम के दम पर जाना-माना नाम बन चुके हैं. नाना के पास आज नाम, दौलत-शोहरत सबकुछ है लेकिन एक वक्त ऐसा था जब उनकी माली हालत बेहद खस्ता थी.



नाना ने एक इंटरव्यू में अपनी ज़िंदगी के बारे में खुलासा करते हुए बताया था कि उनके पिता टेक्सटाइल पेंटिंग का काम करते थे और उनका बिजनेस था. परिवार के एक करीबी ने धोखे से हमारी पूरी प्रॉपर्टी हड़प ली थी, जिससे उनके पिता को गहरा सदमा लगा था. इस धोखे से उनका पूरा परिवार खाने तक को मोहताज हो गया था. उस वक्त नाना की उम्र 13 साल थी.


इसके बाद पिता की सहायता करने के लिए नाना ने कम उम्र में पेंटिंग का काम शुरू किया. उन्होंने फिल्मों के पोस्टर से लेकर सड़कों की जेब्रा क्रासिंग को पेंट किया. इससे जो पैसे मिलते थे तो घर का चूल्हा जलता था. उन्हें पेंटिंग करने की पगार 35 रुपये महीना मिलती थी. नाना की उम्र जब 28 साल हुई तो उनके पिता का देहांत हो गया. नाना स्कूल के दौरान से थिएटर करते थे.



आर्ट्स कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने एड एजेंसी में काम करना शुरू किया. इसी दौरान स्मिता पाटिल से मिलना हुआ जो कि उन्हें रवि चोपड़ा से मिलवाने ले गईं. यहीं उन्हें आज की आवाज नाम की फिल्म से ब्रेक मिला और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.