मुम्बई : भजन सम्राट के‌ तौर पर बेहद मशहूर और माता रानी के तमाम जगराताओं में भजन गायिकी के लिए मशहूर नरेंद्र चंचल का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में आज तकरीबन 12.15 बजे लम्बी बीमारी के बाद निधन. वे 80 के थे. उम्र के लिहाज से बढ़ती कमजोरी के चलेते वे पिछले दो महीने से अपोलो अस्पताल‌ में भर्ती थे.


गायन से जुड़े नरेंद्र चंचल के कार्यक्रमों के आयोजन करने‌ के लिए जाने जानेवाले संजय मलिक ने एबीपी न्यूज़ से इस खबर की पुष्टि की और कहा कि नरेंद्र चंचल को ऐसी कोई खास बीमारी नहीं थी मगर पिछले क‌ई महीनों से बेहद कमजोरी महसूस कर रहे थे, जिसके चलते उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पातल में दाखिल कराया गया था. संजय मलिक ने बताया कि उनके सर्वप्रिय विहार स्थित घर में इस वक्त उनके करीबियों के आने का सिलसिला जारी है और सभी मिलकर उनके अंतिम संस्कार का फैसला लेंगे.


नरेंद्र चंचल का जन्म 1940 में पंजाब के अमृतसर शहर के नानक मंडी‌ में हुआ था और उनका पालन-पोषण बेहद धार्मिक माहौल में हुआ था.


उल्लेखनीय है माता रानी के जगराता में भजन गाने के लिए बेहद लोकप्रिय रहे नरेंद्र चंचल ने राज कपूर निर्देशित फिल्म 'बॉबी' 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो...' गाने के लिए भी उन्हें जाना जाता है. इस गाने के लिए उन्हें श्रेष्ठ गायक का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था. 1973 में रिलीज हुई 'बॉबी' के अलावा नरेंद्र चंचल ने 'रोटी कपड़ा और मकान', 'आशा', 'बदनाम', 'अवतार', 'काला सूरज', 'अपने' जैसी फिल्मों के लिए भी अपनी गायकी का जलवा दिखाया था.


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