नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin siddiqui) अपनी एक्टिंग के दम पर आज दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान कायम कर चुके हैं. उनके चाहने वाले उनकी जबरदस्त एक्टिंग को बेहद पसंद करते हैं. नवाज़ुद्दीन ने अपनी एक्टिंग से 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से लेकर वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' में गहरी छाप छोड़ी है. आज उनकी गिनती सफल अभिनेताओं में होती है, लेकिन उनकी इस सफलता के पीछे लंबे संघर्ष की कहानी जुड़ी हुई है. जिसे वो कई बार इंटरव्यू में बता चुके हैं.


नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए 12 साल तक स्ट्रगल किया. नवाजुद्दीन ने अपने करियर की शुरुआत में बेहद छोटे-छोटे रोल किए. लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी..ना ही कभी पिछले पलट कर देखा..ऐसे समय में उन्हें कोई चीज हिम्मत देती थी वो थी उनकी मां की लिखी चिट्ठियां. जिसका जिक्र वह अक्सर करते रहते हैं. लेकिन ये बात बेहद कम लोग जानते होंगे कि उनके पिता को उनके निभाए फिल्मों में रोल पसंद नहीं थे.


एक इंटरव्यू में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया था कि जब वह स्ट्रगल के दौर में फिल्मों में छोटे-मोटे रोल किया करते थे, तो उनके पिता इस बात से काफी निराश थे, एक बार तो नवाजुद्दीन के पिता ने यहां तक कह दिय़ा था कि तुम घर मत आना, तुम्हारी वजह से हमें शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है.


दरअसल, नवाजुद्दीन सिद्दीकी के पिता को ऐसा लगता था कि उनके बेटे को असल में मार खानी पड़ती है. हालांकि जब उन्हें पता चला कि ये सब एक ड्रामा है. ये बात जानकर वह थोड़ा शांत हो गए थे. लेकिन उन्होंने नवाज से इस तरह के रोल करने से मना कर दिया था.


बता दें कि नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी 'ब्लैक फ्राइडे', 'पीपली लाइव', 'कहानी', 'मांझी: द माउंटेन मैन', 'सेक्रेड गेम्स', 'मंटो' और 'ठाकरे' जैसी कई अऩ्य फिल्मों में काम कर चुके हैं. उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर का आगाज आमिर खान की फिल्म 'सरफरोश' से किया था. इस फिल्म में उनका बेहद छोटा सा रोल था.


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