नई दिल्लीः बॉलीवुड के बेहतरहीन कलाकारों में से एक नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीता है. उनका कहना है कि अभिनय एक अंतहीन लेकिन दिलचस्प प्रक्रिया है जो हमें मानव अस्तित्व के नए आयामों को खोजने में मदद करता है. उनके लिए उनका हर किरदार समुद्र की तरह होता है. उन्होंने कहा,"जितना गहरे आप जाएंगे आप उतना बेहतर कर पाएंगे."
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘रात अकेली है’और ‘सीरियस मैन’जैसी सफल फिल्में देने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि लॉकडाउन में वे फिल्मों के सेट पर होने को काफी मिस करते थे और उन्हें यह लंबी छुट्टी जैसा लगने लगा था. उन्होंने कहा, "एक अभिनेता के तौर पर हमें लोगों के बीच में रहना अच्छा लगता है. शुरु के दो महीने तो अच्छे गुजरे लेकिन चौथा महीना शुरु होने तक मैं लोगों को मिस करने लगा. इंसान दूसरे इंसान के बिना नहीं रह सकता. काम तो कभी ना कभी पटरी पर आ ही जाएगा लेकिन मैं आशा करता हूं कि लोग एक दूसरे की मदद करते रहें और आशावादी बने रहें."
किरदार में कई सारी संभावनाएं
साल 1999 में आई फिल्म ‘सरफरोश’ में एक छोटे से किरदार से शुरुआत करने वाले सिद्दीकी ने कहा, "मुझे हर किरदार में बहुत सारी संभावनाएं नजर आती हैं और मैं किरदार के द्वारा बहुत सारी बातें कहना चाहता हूं. हर किरदार समुद्र की तरह हो होता है, जितना गहरे आप जाएंगे आप उतना बेहतर कर पाएंगे. आप एक नई दुनिया से मुखातिब होते हो और यह पूरी प्रक्रिया मुझे बहुत आकर्षित करती है.”
कई बेहतरीन निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय(एनएसडी) से शिक्षाप्राप्त और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’,‘लंचबॉक्स’, ‘बदलापुर’,‘मंटो’और ‘फोटोग्राफ’ जैसी समीक्षकों द्वारा बहुप्रशंसित फिल्मों के लिए मशहूर नवाजुद्दीन का कहना है कि उन्हें ‘रात अकेली है’ में हनी त्रेहान और ‘सीरियस मैन’में सुधीर मिश्रा जैसे बेहतरीन निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला.
लॉकडाउन वर्ल्ड सिनेमा से कराया मुखातिब
अभिनेता ने कहा कि लॉकडाउन ने युवा पीढ़ी को विश्व सिनेमा से मुखातिब होने का मौका दिया है और उम्मीद है कि वे भारत के सिनेमा को बेहतर करने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा,"नहीं तो लोग ठेठ फार्मूला फिल्में देखते रहेंगे. लेकिन मुझे उम्मीद है कि जिन्होंने विश्व सिनेमा देखा है, वे बेहतर विकल्प स्थापित करेंगे."
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