इस एक्ट्रेस को बीमारी में छोड़कर भागे घरवाले, बोलीं-किसी ने ये तक सुध नहीं ली कि मैं जिंदा हूं या मर गई
सविता बजाज (Savita Bajaj) की देख रेख करने वाला कोई नहीं है और उनके पास इलाज तक के पैसे नहीं बचे इसलिए सविता ने पिछले दिनों मदद की गुहार लगायी थी.
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Savita Bajaj in bad condition: नदिया के पार एक्ट्रेस सविता बजाज (Savita Bajaj) पिछले दिनों खराब आर्थिक स्थिति और बीमारी की वजह से चर्चा में थीं. उन्हें बीमारी की हालत में परिवारों वालों ने अकेले छोड़ दिया. सविता की देख रेख करने वाला कोई नहीं है और उनके पास इलाज तक के पैसे नहीं बचे इसलिए सविता ने पिछले दिनों मदद की गुहार लगायी थी. सविता की गुहार सुनकर नदिया के पार एक्टर सचिन पिलगांवकर सुप्रिया ने उनकी मदद की और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया. सविता अब ठीक हैं.
डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में अपनी कहानी सुनाई है. सविता ने कहा, सारी परेशानी तब शुरू हुई जब मुझे कोविड हुआ. यह मेरा काफी पैसा ले गया, मेरे अस्पताल के कई चक्कर कटे लेकिन मेरी सेहत नहीं सुधरी. कोविड ठीक होने के बाद, मुझे हेल्थ इश्यू हो गए. अब मैं ठीक हूं. पिछले 100 दिनों ने मेरी आंखें खोलकर रख दीं कि किसे मेरी फ़िक्र है और किसे नहीं. रियलटी बहुत अलग होती है. दुख में कोई खड़ा नहीं होगा तुम्हारे साथ. मैंने इंडस्ट्री में कई सारे लोगों के साथ काम किया है. सब मतलब निकाल के आगे चल दिए. डिस्चार्ज होने के बाद मैं नुपुर अलंकार के घर पर हूं. मैंने उनके साथ कुछ सालों पहले काम किया था.
वह अकेली ऐसी महिला हैं जो मेरे साथ खड़ी रहीं. सारे दोस्त और रिश्तेदार भाग गए. किसी ने ये तक सुध नहीं ली कि मैं जिंदा हूं या मर गई. नुपुर के अलावा कोई भी आगे नहीं आया. जब नुपुर को मेरे खराब स्वास्थ्य के बारे में पता चला तो उन्होंने मुझसे संपर्क किया था. जब मुझे कोविड हुआ था तब भी वह दिन में तीन बार मेरा हालचाल पूछने के लिए कॉल करती थीं.सविता ने आगे कहा, अब देखती हूं आगे किस्मत मुझे कहां लेकर जाती है, मैंने कुछ सोचा नहीं है. मैं अपने फाइनेंस भी प्लान नहीं करती, मैं कुछ भी प्लान नहीं करती. एक समय ऐसा था जब मेरे अंदर जीने की इच्छा मर चुकी थी लेकिन अब ऐसा नहीं है.
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