बॉलीवुड के जानेमाने प्ले बैक सिंगर कैलाश खेर आज (7 जुलाई) को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. अपनी आवाज से उन्होंने संगीतप्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बनाई है. हालांकि, उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी है.
कैलाश खेर ने सिर्फ 13 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था. यूपी के मेरठ जिले से आने वाले कैलाश खेर का बचपन संगीत सीखने में ही गुजरा. उन्होंने कड़ी मेहनत से संगीत में महारथ हासिल की. उनके पिता भी संगीत में रुचि रखते थे. शुरू में कैलाश खेर को उनके परिवार से सपोर्ट नहीं मिला. घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से उन्हें संगीत की दुनिया में कदम रखने से रोका गया. हालांकि, उन्होंने कभी हार नहीं मानी.
कैलाश खेर बच्चों को संगीत की क्लास भी देते थे. उन्हें अपने विद्यार्थियों से जितने पैसे मिलते थे, उससे वह गुजर बसर करते थे. साल 1999 में कैलाश ने अपने दोस्त के साथ मिलकर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू किया. लेकिन उनका बिजनेस लंबे समय तक चल नहीं सका. उन्हें बिजनेस में भारी नुकसान हुआ. डिप्रेशन के चलते कैलाश ने आत्महत्या की कोशिश भी की थी.
साल 2001 में मुंबई की ओर किया रुख
साल 2001 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मुंबई की ओर रुख किया. उनके लिए मुंबई में रहना आसान नहीं था. शुरुआती दिनों में उन्होंने काफी स्ट्रगल किया. लेकिन एक दिन म्यूजिक डायरेक्टर राम संपत ने उनकी मदद की. उन्होंने कैलाश को अपने एड में गाने का मौका दिया.
कई गानों को दी अपनी आवाज
फिल्म 'अंदाज' में 'रब्बा इश्क ना होबे' गाने में अपनी आवाज देकर उन्होंने संगीतप्रेमियों के दिलों में एक अलग जगह बनाई. इस गाने के बाद से उन्हें लगातार ऑफर मिलने लगे. उन्होंने इइसके बाद एक से बढ़कर एक शानदार गाने गाए. 'तेरी दीवानी', 'अल्लाह' के बंदे' जैसे गाने गाकर उन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम हासिल की.
कैलाश खेर अबतक 500 से ज्यादा गानों की अपनी आवाज दे चुके हैं. उन्होंने कई भाषों में बने गानों को अपनी आवाज दी है. उनका 'कैलाशा' नाम का अपना बैंड भी है. उन्होंने 'स्वच्छ भारत मिशन' का 'इरादा कर लिया हमने' गाना गाकर लोगों की स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का भी काम किया है.
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