नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निगरानी और नियंत्रण की मांग वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की. इस याचिका के जरिए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निगरानी और नियंत्रण के लिए स्वायत्त संस्था के गठन की मांग की गई है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मसले पर विचार चल रहा है. कोर्ट ने सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा.


अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र ओटीटी प्लेटफार्म को नियमित करने के मामले पर कुछ कार्रवाई पर विचार कर रहा है. सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने एक स्वायत्त निकाय द्वारा ओटीटी प्लेटफॉर्म नियंत्रण की मांग करने वाली जनहित याचिका पर केंद्र से छह हफ्ते में अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने को कहा.


केंद्र को मिला छह हफ्ते का वक्त


सीजेआई बोबडे ने कहा कि महज विचार करना स्वीकार्य नहीं है और यह जानने की कोशिश की गई है कि सरकार की ओर से क्या कार्रवाई होगी. अदालत ने केंद्र से लंबित याचिका के साथ मामले में छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा. वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है कि जितने अधिक ओटीटी प्लेटफॉर्म लॉन्च किए जा रहे हैं, उतने ही अधिक साइबर अपराध देश में दर्ज किए जा रहे हैं.


ओटीटी पर कार्यक्रम नियमों के मुताबिक नहीं


याचिका में बताया गया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म में लगातार ऐसे कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं जो सामाजिक और नैतिक मानदंडों के मुताबिक नहीं हैं. कुछ कार्यक्रमों में सैन्य बलों का भी गलत चित्रण किया गया है. इसलिए, एक स्वायत्त संस्था का गठन किया जाए जिससे कि ओटीटी के कार्यक्रमों की निगरानी कर सके. कोर्ट ने अक्टूबर में इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.


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