Maharaj Controversy: आमिर खान के बेटे जुनैद खान की पहली फिल्म 'महाराज' 14 जून को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली थी. लेकिन गुजरात हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज डेट पर 18 जून, 2024 तक रोक लगा दी है. बता दें कि फिल्म को लेकर काफी हंगामा हो रहा है और सोशल मीडिया पर हैशटैग बॉयकॉट 'महाराज' और हैशटैग बॉयकॉट नेटफ्लिक्स ट्रेंड कर रहा है. 


ई-टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को गुजरात हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा- 'आज कुछ भक्तों और पुष्टिमार्गी वैश्य पंथ के फॉलोवर्स ने गुजरात हाई कोर्ट की लंबी सुनवाई के बाद एससीए/8772/24 के जरिए से गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने ब्रॉडकास्टिंग अथॉरिटी, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन और फिल्म 'महाराज' के मेकर यशराज फिल्म, ओटीटी नेटफ्लिक्स को नोटिस जारी किया और इसपर 18/6 तक हाई कोर्ट ने ओटीटी और मीडिया प्रसारण रिलीज पर रोक लगा दी है.'


सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है मामला
गुजरात हाई कोर्ट के आदेश से ये साफ है कि फिल्म 18 जून तक रिलीज नहीं होगी. इसके अलावा रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी जा सकता है. ऐसे में फिल्म की कोई नई रिलीज डेट अब तक सामने नहीं आई है.


हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप
'महाराज' के पोस्टर के सामने आने के बाद से ही फिल्म को लेकर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल वीएचपी नेता साधवी प्राची ने फिल्म पर हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए इसे बैन करने की मांग की है.


वीएचपी नेता साधवी प्राची ने कही ये बात
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियों में वीएचपी नेता साधवी प्राची कहते हैं- 'अभी 'महाराज' नाम की कोई फिल्म आने वाली है. इसका फिल्मांकन हो चुका है और 15 तारीख को आने वाली है. जिसमें श्रीनाथ जी भगवान द्वारकाधीश का पेंडल बनाकर अशोभनीय अभिनय किया गया है. ऐसा सनातन धर्म के विरुद्ध अभिनय दिखाकर हमारे देवी-देवताओं का अपमान हमारे डायरेक्टर एक्टर नहीं कर सकते. इसपर भी रोक लगनी चाहिए.'






क्यों हो रहा 'महाराज' का विरोध?
सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ​​के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'महाराज' एक पीरियड ड्रामा है. फिल्म 1862 के 'महाराज' मानहानि मामले पर बेस्ड बताई जा रही है. 'महाराज' के मेकर्स ने सिर्फ फिल्म का पोस्टर ही जारी किया है जिसमें जुनैद खान और जयदीप अहलावत नजर आ रहे हैं. नेटफ्लिक्स की मानें को 'महाराज' एक पत्रकार और समाज सुधारक करसनदास मुलजी की जिंदगी पर आधारित है. ये महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक सुधार की वकालत करने के लिए जाने जाते हैं. 


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