ओटीटी पर फिल्मों रिलीज के लिए सर्टिफिकेट कौन देगा? सेंसर बोर्ड से कोर्ट ने पूछा सवाल
Film Certification for OTT: ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर फिल्मों की रिलीज के लिए सेंसर बोर्ड से कोर्ट ने सवाल किया है. सवाल में उन्होंने पूछा है कि ओटीटी फिल्म्स को सर्टिफिकेट देने का अधिकार किसे है
Allahabad High Court asks Centre CBFC: लखनऊ, 21 मई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से पूछा है कि नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और अन्य प्रकार के ओटीटी मंचों और अन्य तरह के सोशल मीडिया नेटवर्क पर फिल्मों के प्रदर्शन के लिए प्रमाण पत्र देने का अधिकार किसे है.
केंद्र और सीबीएफसी देंगे जवाबी हलफनामा:
उच्च न्यायालय ने केंद्र और सीबीएफसी से जवाबी हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि क्या ओटीटी फिल्मों के लिए कोई अन्य व्यवस्था है या क्या सीबीएफसी उन्हें भी प्रमाण पत्र देने के लिए अधिकृत है.उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 13 अगस्त की तारीख तय की है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने दीपांकर कुमार की जनहित याचिका पर दिया है.
तेलुगु फिल्म पर लगे गंभीर आरोप:
याचिका में तेलुगू फिल्म 'ताकतवर पुलिसवाला' में बिहार के लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। यह फिल्म तेलुगू फिल्म 'धी अंते धी' का हिंदी रूपांतरण है. याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि 2015 में मूल रूप से तेलुगू भाषा में बनी यह फिल्म यूट्यूब पर उपलब्ध है, जिसमें बिहार के लोगों को गंदगी फैलाने वाला बताया गया है. याचिका में फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रद्द करने की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त की और उनसे मामले की सुनवाई में सहयोग करने को कहा है. फिल्म देखने के बाद त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि इस फिल्म में बेहद आपत्तिजनक संवाद हैं, जिससे क्षेत्र के आधार पर भेदभाव, विभिन्न राज्यों के लोगों में कटुता और शांति भंग हो सकती है.
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