Fool Me Once Review: नए साल में नेटफ्लिक्स ने दर्शकों के लिए तोहफे के तौर पर 'फ़ूल मी वंस' सीरीज रिलीज की है. ये सीरीज हालन कोबन की इसी नाम की किताब पर बेस्ड है. यूके में बेस्ड कहानी का हर पहलू जान लेते हैं.


जान लेते हैं कि ये सीरीज कैसी है और अगर आप इसे देखने का मन बना रहे हैं, तो ये सीरीज से जुड़ी ये बातें आपको जरूर पढ़नी चाहिए.






कहानी: शो की कहानी माया स्टर्न नाम (मिशेल कीगन) की एक ऐसी औरत के आसपास बुनी गई है, जिसकी बहन और पति दोनों का कत्ल कर दिया गया है. फिल्म में एक के बाद एक किरदार आते रहते हैं. इनमें से एक अहम किरदार और है जो माया की जिंदगी से पूरी सीरीज के दौरान जुड़ा रहता है. ये किरदार है कैप्टन सामी कियर्स (अदील अख्तर) का जो पुलिस में हैं और हत्याओं की गुत्थी सुलझाने में लगे हुए हैं.


8 एपीसोड की ये कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है वैसे-वैसे ही कहानी में नई उलझनें और नए-नए सवाल उठते जाते हैं. जिनका जवाब किसी के पास नहीं है. सभी जवाबों की तलाश में जुटे हुए हैं.


इन जवाबों की तलाश के बीच और भी कत्ल होते रहते हैं. कहानी और उलझती जाती है. पूरी सीरीज एक सस्पेंस थ्रिलर है, इसलिए इस सीरीज की कहानी के बारे में ज्यादा बात करेंगे तो वो स्पॉइलर हो जाएगा. इसलिए, सीरीज के दूसरे पहलुओं पर चर्चा कर लेते हैं.


सीरीज से जुड़ी खास बातें
सीरीज से जुड़ी खास बातों पर ध्यान देते हैं, जिससे आप तय कर पाएंगे कि ये सीरीज आपको पसंद आने वाली है या नहीं?



  • सीरीज की खास बात ये है कि इसका अंत आप प्रीडिक्ट नहीं कर पाएंगे. आपका दिमाग ये सोचते-सोचते चकरा जाएगा कि कातिल कौन है.

  • सीरीज में एक्टिंग की बात करें तो माया स्टर्न के रोल में मिशेल और सामी के रोल में अदील अख्तर जंचे हैं. एक्टिंग के लिहाज से अगर किसी ने बाजी मारी है तो वो अदील अख्तर ही हैं, जो पूरी सीरीज में बीमार पुलिसवाले के रोल में ऐसे लगे हैं मानो उन्हें सच में कोई बीमारी हो. 

  • शो में कहानी के अंदर कई अलग-अलग घटनाएं इतनी तेजी से घटती दिखाई देती हैं कि दिमाग बस उसी में उलझा रहता है. इन सबको आखिर में आकर जोड़ा गया है और हर चीज का मतलब साफ-साफ समझ आता जाता है.


सीरीज के नेगेटिव पॉइंट
सीरीज के कुछ नेगेटिव पॉइंट भी हैं, जो सीरीज देखते समय आपको दूसरे एपीसोड से ही समझ में आने लगेंगे.



  • आपने अगर साल 1994 की गोविंद की फिल्म 'दुलारा' देखी होगी, तो आपको कई बार ऐसा लगेगा जैसे सीरीज देखते समय आप उसे ही रीविजिट कर रहे हैं.

  • सीरीज के शुरुआती 4 से 5 एपीसोड बोझिल होते जाते हैं, जिन्हें देखते समय आपको लगेगा कि जल्दी से आगे वाले एपीसोड में पहुंचें ताकि कुछ नया मिले.

  • सीरीज में ज्यादा घटनाएं जोड़ते समय मेकर्स शायद ये भूल गए कि इससे सीरीज जटिल होती जा रही है. जिसकी वजह से दर्शकों का इंट्रेस्ट खो सकता है.


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