OTT Content: युवा जागरण मंच (Yuva Jagran Manch) ने OTT कंटेंट को मर्यादित रखने के लिए एक मुहिम शुरू की है. इस मुहिम के तहत आज दिल्ली (Delhi) में सर्व धर्म संत समागम का आयोजन किया गया. इसमें सनातन धर्म से जुडे हुए अनुयायियों ने भाग लिया. अनुयायियों के अनुसार OTT कंटेंट की गंदगी युवाओं को अपराधी बनाने वाली है. OTT कंटेंट के विरोध वाली इस गुजरात (Gujarat) युवा जागरण मंच की मुहिम में 1008 फीट लंबे कपड़े पर अब तक 25000 से ज्यादा लोगों ने साइन किया है.


इस समागम के बाद सनातन धर्म के अनुयायियों ने भी इस पर साइन किया और सभा में आए सभी लोगों से भी साइन करने की गुजारिश की. 1008 फीट लंबे वस्त्र पर लिखा है, "मुझे राष्ट्र विरोधी, धर्म विरोधी गंदा अश्लील गालियों वाला प्रसार तंत्र नहीं चाहिए. मुझे नैतिकता, संस्कार, सद्गुणों वाला शुद्ध सामाजिक प्रसार तंत्र चाहिए"


ओटीटी का कंटेट मर्यादित हो


गुजरात युवा जागरण मंच कमेटी के सदस्य हेनिल शाह ने एबीपी न्यूज से बात की उनका कहना है कि ओटीटी के कंटेंट को रेगुलेट करना चाहिए. टीवी सीरियल में लिमिट दीजिए ताकि राष्ट्र विरोधी, धर्म विरोधी, गंदी चीजे ना आए. हम 2 साल से काम कर रहे हैं 50 से ज्यादा सांसदों से बात कर चुके हैं. समर्थन किया हुआ है. अनुराग ठाकुर से मिले हैं. आईटी  रूल्स बना दिए लेकिन इसे और सख्त किया जाए और केबल टीवी के रूल 6 को इसमें लागू किया जाए. कंटेंट मर्यादित हो. 


युवा जागरण मंच को मिल रहा समर्थन


1008 फीट लंबे कपड़े पर साइन के बारे में इनका कहना है कि गुजरात में हजारों लोगों ने इसका समर्थन किया है. किसी भी देश का अगर विकास होना है, उसमें युवाओं का अहम रोल होता है. इस तरह के कंटेंट से युवाधन ही नाश हो जाएगा. 25 हजार से ज्यादा लोग अब तक समर्थन दे चुके हैं.


वेब सीरीज ने बदला युवाओं का दिमाग


दिल्ली में हुए इस समागम में शामिल जैन संत आचार्य लोकेश मुनिजी ने कहा कि वेब सीरीज में Regulation आने के बाद भी वर्तमान में गंदी गालियां, अश्लीलता,  व्याभिचारों का कार्यक्रम और पवित्र संबंध भी विकृत तरीके से दिखाया जा रहा है. ये गंदगी किसी भी वर्ग के बच्चे-युवाओं और वयस्क के लिए अपराधी का निर्माण करने वाली है.


संस्कृति के खिलाफ आ रहा कंटेंट


जैनाचार्य विजय रत्नाचल सुरीश्वरजी महाराज ने कहा कि मानव के पास शक्ति तो है, हमें देखने बोलने सुनने की शक्ति मिली है. हमें किस रूप में उसका उपयोग करना है ये गाइडेंस (Guidance) करने वाला नहीं मिला. इसका मार्गदर्शन संतों (Saints) से मिल सकता है, इसीलिए ये समागम किया गया. हमारी सबकी एकजुट राय यही रही कि जो हमारी संस्कृति (Culture) है, उससे ये विरुद्ध तो हो रहा है. ये सिर्फ सनातन तक ही नहीं सीमित है.


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