IC 814: The Kandahar Hijack Review: क्या हाईजैकर भी इमोशन होते हैं? हाईजैक जब होता है तो असल में होता क्या है? फ्लाइट के अंदर, फ्लाइट के बाहर, नेता क्या करते हैं? एजेंसियां क्या करती हैं?


काठमांडू से दिल्ली आ रहे इंडियन प्लेन को हाईजैक करके कंधार ले जाया गया था. ये हम सब जानते हैं लेकिन हाइजैक के उन दिनों में असल में क्या क्या हुआ था, ये कहानी आपको नेटफ्लिक्स की ये वेब सीरीज दिखाती है. और बखूबी दिखाती है और ऐसा दिखाती है कि एक बार जब आप ये सीरीज देखना शुरू करते हैं तो आपका दिमाग हाईजैक हो जाता है और सीरीज खत्म होने के बाद ही इस हाईजैक से बाहर आता है.


कहानी:


ये कहानी सब जानते हैं. ये एक भारतीय विमान के हाइजैक की कहानी जो काठमांडू से दिल्ली आ रहा था. IC 814 को हाईजैक करके कैसे अलग अलग जगह ले जाया गया और फिर आखिरकार वो प्लेन कंधार पहुंचा. कैसे इस प्लेन में सवार सारे यात्रियों को बचाया गया, एक को छोड़कर, एजेंसियों ने कैसे इस सिचुएशन के साथ डील किया, यही पूरी कहानी इस वेब सीरीज में दिखाई गई है.






कैसी है सीरीज?


एक कमरे में नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, अरविंद स्वामी, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा, दिव्येंदु भट्टाचार्य जैसे दिग्गज मौजूद हैं. एक ही सीन का हिस्सा हैं, ये अपने आप में कमाल है, इतने सारे सीनियर टैलेंट को एक साथ लाना ही बताता है कि इस सीरीज को बनाने में काफी मेहनत की गई है.


ये दिखती है, 6 एपिसोड की ये सीरीज है और हर एपसोड 30 से 40 मिनट का है लेकिन इतना फास्ट और कि आप कहीं फास्ट फॉरवर्ड नहीं करते या नजर नहीं हटाते, कहीं बेकार की हीरोपंती नहीं दिखाई गई. सिनेमैटिक लिबर्टी के नाम पर ऐसा कुछ नहीं किया गया चो बेवकूफाना लगे. हीरो को जबरदस्ती हीरोगीरी नहीं करने दी गई, ये सीरीज एक सधे हुए तरीके से चलती है. हर किरदार की परतें खुलती हैं, हर किरदार की अहमियत सामने आती है.


हर घटना का बैकग्राउंड बताया जाता है, उस वक्त के असली फुटेज का भी कहीं कहीं बखूबी इस्तेमाल किया गया है. आपको ये सीरीज देखकर इस हाईजैक के बारे में बहुत कुछ ऐसा पता चलता है जो आप नहीं जानते. ये सीरीज परफेक्ट बिंज वॉच है, देखना शुरू करेगे तो खत्म करके ही उठेंगे भले आपको एंडिंग पता हो और यही इस सीरीज की खासियत है.


एक्टिंग


इस सीरीज में एक से बढ़कर एक दिग्गज एक्टर हैं, नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, मनोज पाहवा, अरविंद स्वामी, कुमुद मिश्रा, दिव्येंदु भट्टाचार्य, ये सब कमाल के एक्टर हैं और इन्होंने शानदार काम किया है. वेटरन एक्टर्स की फौज के बीच विजय वर्मा पायलट के किरदार में चमकते हैं. विजय की खासियत यही है कि उन्हें पता है कि कहां कितनी हीरोपंती दिखानी है और कहां अंडरप्ले करना है, यहां वो किरदार में शिद्दत से निभाते हैं, और अपनी एक्टिंग का एक और नायाब नमूना दिखाते हैं.


विजय ने अपनी इमेज ऐसी बना ली है कि उनका नाम जहां जुड़ता है, वहां अच्छे कंटेंट की उम्मीद जग जाती है. एयरहोस्टेस के किरदार में पत्रलेखा लाजवाब हैं. एक हाईजैक्ड प्लेन की एयरहोस्टेस पर क्या गुजरती है, ये इस किरदार को देखकर समझा जा सकता है. उसे अपनी जान बचानी है लेकिन अपने पैसेंजर्स की जान की फिक्र पहले है. उसे गंदे टायलेट भी साफ करने हैं और पेसैंजर्स का खून भी, इस किरदार को पत्रलेखा ने कमाल तरीके से निभाया है. धीरे धीरे वो अपने लिए एक अलग मुकाम भी बनाती है जा रही हैं.


दीया मिर्जा पत्रकार के किरदार में अच्छी लगी हैं. अमृता पुरी तेज तर्ऱार पत्रकार के किरदार में खूब जमी हैं. हाईजैकर के किरदार में राजीव ठाकुर हैरान करते हैं और उनका काम भी कमाल का है


डायरेक्शन


इस शो को अनुभव सिन्हा ने बनाया है और अनुभव का अनुभव यहां साफ दिखता है. उनकी रिसर्च, उनकी मेहनत, इतने सीनियर एक्टर्स को साथ लाना और एक ऐसी सीरीज बनाना, जिसकी कहानी पहले से पता है. लेकिन आपको उसमें कुछ ऐसा दिखाना है जो दर्शको को चौंकाए, ये एक अच्छा डायरेक्टर कर सकता है. अनुभव को यहां पूरे नंबर मिलते हैं, वो सीरीज को कसा हुआ बनाने में पूरी तरह से कामयाब रहे हैं. कुल मिलाकर ये सीरीज हर हाल में देखिए.


रेटिंग- 3.5 स्टार्स 


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